सेना के अपमान का आरोप: करनाल में दिलजीत दोसांझ का पुतला दहन, पाकिस्तानी एक्ट्रेस को फिल्म में लेने पर भड़का विरोध

करनाल में पुतला फूंकने की तैयारी करते संगठन के लोग।
पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ पर इन दिनों एक बड़ी फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ है। शुक्रवार को करनाल में 'जागो हिंदू जागो सेना' नामक संगठन ने दिलजीत दोसांझ के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सुपर मॉल के सामने दिलजीत का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। यह विरोध दिलजीत की आने वाली फिल्म में एक पाकिस्तानी अभिनेत्री को काम देने को लेकर है, जिस पर भारतीय सेना और भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
पाकिस्तानी अभिनेत्री को फिल्म में लेने पर जताया तीव्र विरोध
प्रदर्शनकारी जागो हिंदू जागो सेना के कार्यकर्ताओं ने साफ शब्दों में कहा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बना हुआ है, ऐसे संवेदनशील समय में एक भारतीय कलाकार द्वारा देश को गाली देने वाली पाकिस्तानी अभिनेत्री को अपनी फिल्म में लेना पूरी तरह से निंदनीय है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी अभिनेत्री ने न केवल भारत, बल्कि भारतीय सेना को भी 'कायर' बताया है। ऐसे व्यक्ति को भारत की फिल्मों में स्थान देना, देश की आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा है और यह हमारे शहीदों का अपमान है। संगठन ने इसे 'देश के साथ गद्दारी' करार दिया।
देशद्रोह का आरोप, देशभक्ति पर उठे सवाल
जागो हिंदू जागो सेना के प्रमुख पंडित दिनेश शर्मा ने इस मुद्दे पर दिलजीत दोसांझ की देशभक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "देशवासियों ने दिलजीत दोसांझ को भरपूर प्यार और सम्मान दिया है, लेकिन अब वही दिलजीत उस प्यार के बदले देश से गद्दारी कर रहे हैं। शर्मा ने पूछा क्या दिलजीत के दिल में देशभक्ति नहीं है? जो अभिनेत्री हमारी सेना को कायर कहती है, उसके साथ फिल्म करना हमारे शहीदों का सीधा अपमान है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस फिल्म को पाकिस्तान में अपनी 'जीत' और भारत की 'हार' के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तानी मीडिया कथित तौर पर इसे अपनी विचारधारा की जीत बता रही है, जिससे भारतीय दर्शकों में और गुस्सा है।
सुपर मॉल में फिल्म न लगाने की सख्त चेतावनी
प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने सुपर मॉल के सामने ही दिलजीत दोसांझ का पुतला फूंककर अपने विरोध का कड़ा संदेश दिया। उन्होंने मॉल प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी आगामी फिल्म 'सरदारजी-3' (जिसमें वह पाकिस्तानी अभिनेत्री है) को मॉल में रिलीज किया जाता है, तो मॉल के मालिक को स्वयं इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा। संगठन ने स्पष्ट किया कि देश विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह एक गंभीर चेतावनी है जो सिनेमाघरों पर भी दबाव बनाएगी।
पाकिस्तान मुर्दाबाद और देशद्रोही कलाकार मुर्दाबाद के नारे गूंजे
प्रदर्शन के दौरान 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' और 'देशद्रोही कलाकार मुर्दाबाद' जैसे नारे पूरे क्षेत्र में गूंजते रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनका यह विरोध किसी धर्म या जाति के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देशविरोधी मानसिकता और भारतीय सेना के अपमान के खिलाफ एक एकजुट आवाज है। उन्होंने जोर दिया कि ऐसे समय में जब देश आतंकवाद और पाकिस्तान के लगातार उकसावे का सामना कर रहा है, तब भारतीय कलाकारों को अपने निर्णयों में बेहद सोच-समझकर और राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर कदम उठाने चाहिए।
पहलगाम हमले का जिक्र कर जताया गुस्सा
प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए दुर्भाग्यपूर्ण आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जिसमें आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोषों को मौत के घाट उतार दिया था। उन्होंने इस घटना को जोड़ते हुए कहा कि उस वीभत्स हमले के बाद उसी पाकिस्तानी अभिनेत्री का बयान आया था, जिसने भारतीय सेना और देश को 'कायर' बताया था। और अब वही अभिनेत्री एक भारतीय फिल्म का हिस्सा बन रही है। प्रदर्शनकारियों ने इसे न केवल दुर्भाग्यपूर्ण बताया, बल्कि संपूर्ण भारतीय भावना और देश के गौरव का अपमान भी करार दिया। उनका गुस्सा इस बात पर था कि एक ऐसे व्यक्ति को भारतीय मंच दिया जा रहा है, जिसने देश के सबसे संवेदनशील मुद्दों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
फिल्म को बैन करने और राष्ट्रहित सर्वोपरि रखने की मांग
जागो हिंदू जागो सेना ने इस फिल्म को तत्काल बैन करने की मांग की है। उन्होंने सेंसर बोर्ड से भी अपील की है कि ऐसे मामलों में देश की भावना और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। संगठन ने सभी भारतीय कलाकारों से यह भी विनम्र अपील की है कि वे अपने व्यावसायिक और कलात्मक निर्णयों में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें। उन्होंने कहा कि किसी भी ऐसे चेहरे को भारत में मंच नहीं दिया जाना चाहिए, जो पहले भारत और उसकी सेनाओं का अपमान कर चुके हों। यह विरोध प्रदर्शन भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि उन्हें कला और राष्ट्रहित के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
