Fraud: कनाडा भेजने के नाम पर करनाल में 85 लाख ठगे, 11 लोगों की वर्क परमिट फाइलें गायब कीं

हरियाणा के करनाल में इमीग्रेशन के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। शहर के मुगल कैनाल स्थित एक इमीग्रेशन फर्म, प्रेस्टीज इमीग्रेशन ने 11 व्यक्तियों को कनाडा में वर्क परमिट दिलाने का झांसा देकर उनसे करीब 85 लाख रुपये ठग लिए। आरोप है कि इन फाइलों को मोहाली की एक अन्य कंपनी, रुद्राक्ष ओवरसीज, को सौंपा गया था, लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद न तो किसी को वीजा मिला और न ही पैसे वापस किए गए। धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों का कहना है कि रुद्राक्ष ओवरसीज का ऑफिस अब बंद पड़ा है और उनके प्रतिनिधियों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इस गंभीर मामले में थाना शहर करनाल में धोखाधड़ी की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है।
ऐसे हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा
प्रेस्टीज इमीग्रेशन के पार्टनर गुरजीत सिंह और राजीव बंसल ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने अपनी फर्म अप्रैल 2023 में शुरू की थी। फर्म शुरू करने के बाद, उन्होंने अलग-अलग जगहों के 11 व्यक्तियों की कनाडा वर्क परमिट की फाइलें तैयार कीं। इन फाइलों को उन्होंने मोहाली स्थित रुद्राक्ष ओवरसीज कंपनी को भेजा था। यह डील इस उम्मीद के साथ की गई थी कि 3 महीने के भीतर वीजा मिल जाएगा।
इनसे लिए पैसे और दस्तावेज
प्रेस्टीज इमीग्रेशन के माध्यम से जिन 11 लोगों से पासपोर्ट अन्य आवश्यक दस्तावेज और कुल मिलाकर करीब 85 लाख रुपये लिए गए थे, वे विभिन्न शहरों और राज्यों से थे। इनमें शामिल हैं:
• मेहरबान सिंह, कैथल (हरियाणा)
• कंवलजीत सिंह, करनाल (हरियाणा)
• रूपेश देव राठी, पानीपत (हरियाणा)
• सोनिका, करनाल (हरियाणा)
• गौरव, करनाल (हरियाणा)
• गौतम, हिसार (हरियाणा)
• गुलजार, करनाल (हरियाणा)
• गुरविन्द्र सिंह, कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
• कर्मजीत सिंह सिद्धू, बठिंडा (पंजाब)
• रमनजोत कौर, बठिंडा (पंजाब)
• मनदीप सिंह, हनुमानगढ़ (राजस्थान)
इन सभी लोगों के रुपये अब फंस गए हैं और उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
इन पर लगे हैं धोखाधड़ी के आरोप
शिकायत में रुद्राक्ष ओवरसीज से जुड़े कई लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। इनमें रुद्राक्ष ओवरसीज के मालिक कैलाश सेठी (अंबाला से) के साथ-साथ रिचा, जसप्रीत सिंह, अमित शर्मा, सन्नी पटियाल, शुभम, राजेश तिवारी और गुरचरण सिंह ढिढ्ढंसा के नाम शामिल हैं।
महिला रिचा ने संभाली थी पूरी डील
गुरजीत सिंह और राजीव बंसल ने अपनी शिकायत में बताया कि रुद्राक्ष ओवरसीज की तरफ से रिचा मैडम नामक एक महिला ने उनके साथ पूरी डील की थी। उन्होंने 6 जून 2023 को नकद और बैंक के माध्यम से रुद्राक्ष ओवरसीज को पैसे का भुगतान किया था। रिचा मैडम ने कैलाश सेठी के साथ मिलकर पैसे लिए थे और वादा किया था कि तीन महीने में वीजा लग जाएगा। लेकिन, डेढ़ साल बीत चुके हैं, न तो किसी को वीजा मिला और न ही कोई कमीशन दी गई।
ऑफिस पर ताला, प्रतिनिधियों से संपर्क नहीं
धोखाधड़ी का यह मामला तब सामने आया जब प्रेस्टीज इमीग्रेशन के पार्टनर ने देखा कि रुद्राक्ष ओवरसीज का ऑफिस अब बंद पड़ा है। जब उन्होंने फोन करने की कोशिश की, तो उन्हें अक्सर बताया जाता था कि ऑफिस 10 दिन बाद खुलेगा, लेकिन ऐसा कभी हुआ नहीं। शिकायतकर्ताओं ने जब व्यक्तिगत रूप से जाकर देखा, तो उन्हें पता चला कि रुद्राक्ष ओवरसीज कंपनी के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं और उसके कुछ प्रतिनिधि गिरफ्तार भी हो चुके हैं।
पुलिस जांच में आरोप सही पाए गए, केस दर्ज
शिकायतकर्ता गुरजीत और राजीव ने इस संबंध में 17 जनवरी को भी शिकायत दी थी, लेकिन उस समय कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई थी। अब दोबारा, उन्होंने मामले में विस्तार से शिकायत दी है। पुलिस अधीक्षक करनाल के आदेश पर की गई जांच में पाया गया कि शिकायत में दर्ज आरोप सही पाए गए। इसी आधार पर थाना सिटी में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है, और आगे की जांच जारी है। इस बड़े धोखाधड़ी मामले से इमीग्रेशन सेक्टर में चल रहे फर्जीवाड़ों पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस इस मामले की तह तक जाकर दोषियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
