जम्मू-कश्मीर में हरियाणा का वीर शहीद: कैथल के गुरमीत सिंह को राजकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

जम्मू-कश्मीर में देश सेवा करते हुए हरियाणा के कैथल जिले का एक और वीर सपूत शहीद हो गया। पुंडरी के करोड़ा गांव निवासी सिपाही गुरमीत सिंह (25) का बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े भाई मनदीप ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि दी। गुरमीत की शहादत से पूरा गांव गमगीन है, लेकिन उनकी वीरता पर गर्व भी महसूस कर रहा है।
देश सेवा में बीमार पड़े गुरमीत
साल 2017 में सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए गुरमीत सिंह श्रीनगर में 20वीं बटालियन ग्रेनेडियर रेजिमेंट में तैनात थे। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के आर्मी रेफरल एंड रिसर्च (RR) अस्पताल लाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। गुरमीत अविवाहित थे और उनका पूरा परिवार इस दुखद घड़ी में सदमे में है।
परिवार का लाडला और देश का गौरव
गुरमीत के पिता राजा राम ने इस दुखद घड़ी में भी अपने बेटे पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा जब गुरमीत बीमार हुआ था, तब से परिवार के लोग उसके साथ ही हैं। हमें अपने बेटे पर पूरा गर्व है। वहीं मां सुनीता ने बताया कि गुरमीत घर में सबका लाडला था। गुरमीत के परिवार में माता-पिता के अलावा बड़े भाई मनदीप और बहन सुनीता हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। पिता राजा राम गांव में 3 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं। गुरमीत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की थी और 12वीं के बाद ही उन्होंने सेना में शामिल होकर देश सेवा का मार्ग चुना था।
जनवरी में छुट्टी पर आए थे घर
गुरमीत सिंह इसी साल जनवरी महीने में छुट्टी पर घर आए थे। लगभग एक महीने तक वह अपने परिवार के साथ रहे और फरवरी में अपनी ड्यूटी पर लौट गए। परिवार के सदस्यों ने बताया कि जब वह छुट्टी पर थे, तो उनसे शादी की बात की गई थी, लेकिन गुरमीत ने फिलहाल शादी करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद परिवार ने भी इस बात को टाल दिया था। किसे पता था कि यह उनकी आखिरी छुट्टी होगी।
शहादत पर अपनों की जुबानी
गुरमीत की शहादत ने हर किसी को झकझोर दिया है। उनके जानने वाले और परिवार के सदस्य उन्हें याद करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं :
• पूर्व सैनिक बोले- काला पीलिया हुआ था: कैथल के पूर्व सैनिक एसोसिएशन के प्रधान जगजीत सिंह ने बताया कि गुरमीत श्रीनगर में ड्यूटी पर तैनात थे, जहां उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें काला पीलिया बताया था। उन्हें दिल्ली के RR अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
•बहन बोलीं- रक्षाबंधन पर भाई की याद आएगी: गुरमीत की बहन सुनीता ने रोते हुए कहा गुरमीत मेरा लाडला भाई था। वह हर त्योहार पर, खासकर रक्षाबंधन पर, मुझे गिफ्ट लेकर जरूर आता था। अब मुझे रक्षाबंधन पर भाई की बहुत याद आएगी।
•दोस्त बोला- गुरमीत ने नॉन मेडिकल से 12वीं की: गुरमीत के दोस्त संजय कुमार ने बताया मैं गुरमीत के साथ 12वीं क्लास तक पढ़ा हूं। गुरमीत ने नॉन मेडिकल से 12वीं क्लास पास की थी। 2017 में मैंने और गुरमीत ने अंबाला में ओपन भर्ती दी थी। उस दौरान गुरमीत का सिलेक्शन हो गया था और मेरा नहीं हो पाया था।
•भाई ने कहा- हमें शहादत पर गर्व: गुरमीत के बड़े भाई मनदीप ने जिन्होंने उन्हें मुखाग्नि दी, कहा हमें गुरमीत की शहादत पर गर्व है। भारत माता ने आज एक वीर सपूत खोया है। उन्होंने देश के युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित किया है।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
बुधवार सुबह सेना के विशेष ट्रक में गुरमीत की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव करोड़ा लाई गई। गांव के लोगों ने नम आंखों से अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई दी। सेना के जवानों ने उन्हें सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। गुरमीत सिंह की शहादत देश और प्रदेश को हमेशा याद रहेगी।
