international gang exposed: ऑस्ट्रेलिया की जगह ले गए ईरान, 80 लाख फिरौती मांगने वालों से छुड़वाया

kaithal police rescue iran
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कैथल एसपी उपासना अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह के बारे में जानकारी देते हुए।

ऑस्ट्रेलिया भेजने की कहकर अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह ने दो युवकों को ईरान में बंधक बना लिया। उन्हें यातनाएं देकर 80 लाख की फिरौती मांगी गई। तब कैथल पुलिस व भारतीय दूतावास ने उनकी जान बचाई।

Kaithal police rescue from Iran : हरियाणा के कैथल जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां विदेश में पढ़ाई और बेहतर भविष्य का सपना दिखाकर दो युवकों का अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने परिवार से 80 लाख रुपये फिरौती की मांग की और लगातार जान से मारने की धमकियां दीं। कैथल पुलिस और भारतीय दूतावास की सूझबूझ से दोनों युवकों को सकुशल छुड़ाया गया। कैथल पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय गैंग का खुलासा किया।

ऑस्ट्रेलिया भेजने का लालच दे रचा षड्यंत्र

कैथल जिले के गांव सिसला निवासी सोमिल सिंह और जींद जिले के गांव छातर निवासी नवीन मोर विदेश जाने की तैयारी में थे। सात सितंबर को दोनों जयपुर एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़कर ईरान पहुंचे। उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि ईरान के कोनार्ट में दो दिन रुकने के बाद उनकी उड़ान ऑस्ट्रेलिया के लिए होगी। आरोपियों ने युवकों और उनके परिजनों का विश्वास जीतने के लिए फर्जी ऑस्ट्रेलियन वीजा और एयर टिकट भी मुहैया कराए। समझौते के तहत, प्रत्येक युवक के लिए 22 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। परिवारों को कहा गया कि लड़के जैसे ही ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे, उसके बाद पैसा ले लिया जाएगा।

अपहरण कर मारपीट के वीडियो भेजे

11 सितंबर को परिजनों के मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आई, जिसमें दोनों युवकों को बंधक बनाए जाने की जानकारी दी गई। आरोपियों ने सीधे-सीधे 80 लाख रुपये की फिरौती मांगी और चेतावनी दी कि यदि रकम नहीं दी गई तो युवकों को मारकर अफगानिस्तान में बेच दिया जाएगा। परिजनों पर दबाव बनाने के लिए लगातार पाकिस्तान और अन्य देशों के नंबरों से कॉल आती रहीं। इतना ही नहीं, युवकों को प्रताड़ित करने के वीडियो भी उनके घरवालों को भेजे गए। मजबूर होकर परिजनों ने आरोपियों की बात मानकर 10 लाख रुपये भी ट्रांसफर कर दिए।

भारतीय दूतावास और कैथल पुलिस ने बचाई जान

कैथल एसपी उपासना ने प्रेसवार्ता कर मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि साइबर टीम ने कॉल डिटेल्स और मोबाइल का आईपी एड्रेस ट्रेस किया, जिससे पता चला कि कॉल तेहरान से की जा रही थी। तुरंत ईरान स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क साधा गया और कार्रवाई शुरू की गई। 22 सितंबर को भारतीय दूतावास की मदद से दोनों युवकों को रेस्क्यू किया गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्हें सुरक्षित उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

और भी कई भारतीय फंसे होने की आशंका

एसपी ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि इसी तरह से भारत के कई हिस्सों से युवकों को विदेश भेजने के नाम पर बुलाया गया और फिर उन्हें बंधक बना लिया गया। सोमिल और नवीन के साथ-साथ पांच-छह अन्य भारतीय युवक भी उस समय ईरान में फंसे हुए थे। फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। लेकिन कैथल पुलिस का दावा है कि जल्द ही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद से उन्हें पकड़ लिया जाएगा। एसपी उपासना ने लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए केवल मान्यता प्राप्त एजेंटों और वैध प्रक्रिया का ही इस्तेमाल करें।

40 लाख गंवा चुके थे परिजन

सोमिल और नवीन को विदेश भेजने की तैयारी में उनके परिवार पहले ही लाखों रुपये खर्च कर चुके थे। टिकट, नकली वीजा और अन्य खर्चों के चलते अब तक करीब 40 लाख रुपये परिवारों की जेब से निकल चुके थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में साफ हुआ है कि यह कोई स्थानीय ठगी नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का गिरोह है, जिसमें पाकिस्तान और ईरान के आपराधिक नेटवर्क भी शामिल हैं। आरोपियों का मकसद युवाओं के विदेश जाने की चाहत का फायदा उठाकर मोटी रकम ऐंठना है।

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