कुलगाम मुठभेड़ में कैथल का वीर सपूत शहीद: दो आतंकवादियों को किया ढेर, आज शाम अंतिम संस्कार

Terrorist Encounter
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नरेंद्र सिंधु का फाइल फोटो।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए उनकी शहादत पर शोक की लहर दौड़ गई है। नरेंद्र सिंधु 9 साल पहले सेना में राष्ट्रीय राइफल्स में भर्ती हुए थे। इस वक्त परिवार में उनकी शादी की बात चल रही थी।

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए कैथल के लांस नायक नरेंद्र सिंधु (28) ने प्राणों की आहुति दे दी। सोमवार को हुई इस मुठभेड़ में नरेंद्र सिंधु ने अदम्य साहस का परिचय देकर दो आतंकवादियों को ढेर किया, लेकिन इस दौरान वे स्वयं भी शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर से पूरे कैथल जिले में शोक की लहर दौड़ गई। देश की सेवा में अपनी जान कुर्बान करने वाले इस वीर सपूत को मंगलवार को उनके पैतृक गांव रोहेड़ा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।

गश्त के दौरान आतंकवादियों ने किया हमला

नरेंद्र सिंधु मात्र 9 साल पहले सेना की राष्ट्रीय राइफल्स में भर्ती हुए थे। उनकी बहादुरी ने उन्हें अपने साथियों और अधिकारियों के बीच एक सम्मानित स्थान दिलाया था, 4 साल पहले उनकी पोस्टिंग श्रीनगर में हुई थी, जहां उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी और साहस के साथ निभाई। सोमवार को जब वे अपनी टीम के साथ गश्त पर थे, तभी आतंकवादियों ने हमला कर दिया। नरेंद्र सिंधु ने बिना किसी डर के जवाबी कार्रवाई की और अपनी अंतिम सांस तक देश की रक्षा की।

घर में चल रही थीं शादी की तैयारियां

शहादत की यह खबर तब आई जब उनके परिवार में उनकी शादी की बात चल रही थी। परिवार के लोग उनके लिए जीवनसाथी ढूंढ रहे थे। उनके ताऊ के बेटे विक्रम ने बताया कि परिवार में इस बात की खुशी थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। लांस नायक नरेंद्र सिंधु का पार्थिव शरीर मंगलवार को गांव पहुंचेगा। माता रोशनी देवी और पिता दलबीर सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। नरेंद्र का एक छोटा भाई है जो अमेरिका में रहता है।

जंगल में आतंकवादियों के होने की सूचना मिली थी

कुलगाम में जिस ऑपरेशन में लांस नायक नरेंद्र सिंधु शहीद हुए, उसे 'ऑपरेशन गुड्‌डर' नाम दिया गया था। इस ऑपरेशन की शुरुआत सोमवार सुबह कुलगाम के जंगलों में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद हुई थी। सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने मिलकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इसी दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया। इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद हुए, लेकिन भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया। मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के आमिर अहमद डार के रूप में हुई है, जो पिछले कई महीनों से सुरक्षा एजेंसियों की हिट लिस्ट में था।

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