Anti-Corruption Bureau Raid: कैथल में डीसी ऑफिस का कर्मचारी रिश्वत केस में काबू, सूचना लीक होने पर रंगेहाथ नहीं पकड़ा गया

कैथल में एंटी क्रप्शन ब्यूरो टीम की गिरफ्त में रिश्वत मांगने का आरोपी।
Anti-Corruption Bureau Raid : हरियाणा के कैथल जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अंबाला की टीम ने जिला उपायुक्त कार्यालय की एमए ब्रांच में तैनात कर्मचारी विजय चौहान को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी एक किसान से पांच हजार रुपये की मांग को लेकर की गई, जो जमीन से संबंधित कागजात तैयार कराने के एवज में मांगे गए थे। हालांकि सूचना लीक होने की वजह से आरोपी कर्मचारी को रंगेहाथ नहीं पकड़ा जा सका। अब सूचना लीक मामले में ड्यूटी मजिस्ट्रेट की भी जांच की जा रही है।
शिकायत के बाद रची गई योजना
यह कार्रवाई सिणंद गांव निवासी कर्ण सिंह की शिकायत पर की गई, जिसने आरोपित कर्मचारी की बातचीत का ऑडियो सबूत के तौर पर रिकॉर्ड कर लिया था। कर्ण सिंह ने एसीबी कार्यालय में तीन जुलाई को शिकायत दर्ज कराई और पांच हजार रुपये के पाउडर लगे नोट लेकर तय योजना के तहत आरोपी को देने पहुंचा।
रेड से पहले लीक हुई सूचना
जब एसीबी की टीम ड्यूटी मजिस्ट्रेट के साथ आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने पहुंची, तब ड्यूटी मजिस्ट्रेट अचानक किसी बहाने से वहां से चले गए। इसके बाद शिकायतकर्ता ने रुपये आरोपी को देने का प्रयास किया, लेकिन उसने रिश्वत नहीं ली। शक जताया जा रहा है कि रेड की सूचना पहले ही लीक हो गई थी, जिससे पूरा ऑपरेशन विफल हो गया।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगते हैं आरोपी के चाचा
जांच में यह सामने आया कि आरोपी कर्मचारी विजय चौहान ड्यूटी मजिस्ट्रेट बलवीर सिंह चौहान का भतीजा है। इस रिश्ते के चलते ही दबिश की जानकारी पहले ही आरोपी को दी गई, जिससे वह सतर्क हो गया और रिश्वत नहीं ली। एसीबी अब इस पूरे प्रकरण में ड्यूटी मजिस्ट्रेट की भूमिका की भी जांच कर रही है।
मुख्यालय ने सरकार से मांगी जांच कीअनुमति
सूत्रों के मुताबिक, एसीबी मुख्यालय ने सरकार को पत्र लिखकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट बलवीर सिंह चौहान के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति मांगी है। एसीबी की टीम यह भी जांच कर रही है कि दबिश विफल कराने में और कौन-कौन शामिल था। कैथल एसीबी के इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने बताया कि आरोपी कर्मचारी विजय चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। अगर जांच में यह साबित होता है कि दबिश की सूचना जानबूझकर लीक की गई तो संबंधित ड्यूटी मजिस्ट्रेट पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बलवीर सिंह चौहान ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
कलायत से तबादला होकर डीसी ऑफिस आया था
गिरफ्तार किया गया आरोपी विजय चौहान पहले कलायत के तत्कालीन तहसीलदार का रीडर था। उसका कुछ दिनों पहले कलायत से तबादला कर दिया गया था और अब वह डीसी कार्यालय की एमए ब्रांच में कार्यरत था।
सोनीपत डीसी ऑफिस से भी पकड़ा गया था कर्मचारी
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 20 जून को सोनीपत के उपायुक्त के पीए शशांक शर्मा को 3.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। उसने एक कर्मचारी की पोस्टिंग बदलवाने के लिए पांच लाख रुपये मांगे थे।
