हरियाणा में डिजिटल हुई खेल हाजिरी: डाइट भत्ते के लिए खिलाड़ियों की बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य

खेल नर्सरियों में प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य।
हरियाणा जिसे भारत की खेल राजधानी भी कहा जाता है। इस प्रदेश ने अपने खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और विकास को और भी पारदर्शी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य की खेल नर्सरियों में प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों की उपस्थिति को बायोमेट्रिक सिस्टम से दर्ज किया जाएगा। यह निर्णय 15 अगस्त से लागू हो गया है, न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि सरकारी सहायता सही खिलाड़ियों तक पहुंचे।
लगातार शिकायतों के बाद लिया गया फैसला
यह कदम खेल मंत्री गौरव गौतम के पास आ रही लगातार शिकायतों के बाद उठाया गया। कई शिकायतें यह बताती थीं कि कुछ खेल नर्सरियों में पंजीकृत खिलाड़ियों की संख्या वास्तविक संख्या से अधिक थी। इसके अलावा कई जगहों पर कोचों के समय पर न आने की भी शिकायतें मिल रही थीं। इन अनियमितताओं को रोकने के लिए खेल विभाग ने यह फैसला लिया है कि अब केवल बायोमेट्रिक उपस्थिति ही मान्य होगी। इससे फर्जी हाजिरी की संभावना खत्म हो जाएगी और हर खिलाड़ी का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा।
सभी खेल नर्सरियों में लगेंगी बायोमेट्रिक पंचिंग मशीनें
इस नई व्यवस्था के तहत सभी खेल नर्सरियों को बायोमेट्रिक पंचिंग मशीनें लगानी होंगी। खिलाड़ी जब भी अभ्यास के लिए आएंगे, उन्हें अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करनी होगी। यह उपस्थिति सीधे ऑनलाइन डेटाबेस में दर्ज हो जाएगी। इस ऑनलाइन रिकॉर्ड के आधार पर ही खिलाड़ियों को उनके बैंक खातों में डाइट भत्ता भेजा जाएगा। यह प्रणाली न केवल उपस्थिति को सटीक बनाएगी बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि हर महीने 22 हाजिरी पूरी करने वाले खिलाड़ी ही भत्ते के हकदार हों।
डाइट भत्ता और खिलाड़ियों का प्रोत्साहन
हरियाणा सरकार खेल में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए डाइट भत्ता प्रदान करती है, 8 से 14 वर्ष के खिलाड़ियों को हर महीने 2,000 और 15 से 19 वर्ष के खिलाड़ियों को ₹3,000 मिलते हैं। यह राशि उनके पोषण और प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करती है। नई बायोमेट्रिक प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि यह वित्तीय सहायता केवल उन खिलाड़ियों को मिले जो वास्तव में नर्सरी में नियमित रूप से अभ्यास कर रहे हैं। इससे संसाधनों का सही उपयोग होगा और योग्य खिलाड़ियों को पूरा लाभ मिलेगा।
2,000 खेल नर्सरियां संचालित
हरियाणा में इस समय करीब 2,000 खेल नर्सरियां संचालित हो रही हैं, जिनमें से 500 सरकारी हैं और लगभग 1,500 निजी संस्थानों द्वारा चलाई जाती हैं। ये नर्सरियां विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण देती हैं, जैसे कि कुश्ती, कबड्डी, हैंडबाल, वेट लिफ्टिंग, हॉकी, फुटबॉल, बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, और कई अन्य। जींद जिले में भी 60 से अधिक खेल नर्सरियां चल रही हैं, जिनमें युवा खिलाड़ी अपने भविष्य को संवार रहे हैं।
कोचों और खिलाड़ियों दोनों की जवाबदेही तय होगी
हरियाणा सरकार का यह कदम खेल जगत में एक नई क्रांति ला सकता है। जिला खेल अधिकारी रामपाल हुड्डा के अनुसार, विभाग ने सभी नर्सरियों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। यह पहल न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी बल्कि खेल नर्सरी की कार्यप्रणाली को और अधिक पेशेवर बनाएगी। इससे कोचों और खिलाड़ियों दोनों की जवाबदेही तय होगी, जिससे हरियाणा के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूती मिलेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य के चैंपियन सही समय पर और सही तरीके से तैयार हों।
