विभाजन विभीषिका दिवस कल: पूरे हरियाणा से फरीदाबाद जाएंगी 470 बसें, 1337 प्राइवेट गाड़ियां भी देंगी सेवा

Partition Remembrance Day
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हरियाणा से फरीदाबाद जाएंगी रोडवेज बसें। 

14 अगस्त को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल भी शामिल होंगे। वहीं राज्यभर से 27 हजार अन्य लोग भी शिरकत करेंगे।

हरियाणा में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका दिवस' के अवसर पर फरीदाबाद में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में राज्यभर से लोगों को लाने और ले जाने के लिए रोडवेज की 470 बसों की व्यवस्था की गई है। इसके लिए परिवहन विभाग ने सभी रोडवेज महाप्रबंधकों को निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, इस व्यवस्था के कारण गुरुवार को आम यात्रियों को बसों की कमी से जूझना पड़ सकता है।

सीएम और केंद्रीय मंत्री होंगे कार्यक्रम में

यह कार्यक्रम देश के विभाजन के दर्द को याद करने और उसमें पीड़ित लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी होंगे और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। विभाजन के समय पाकिस्तान से आए परिवारों को इस कार्यक्रम में सम्मानित भी किया जाएगा। आयोजन समिति के प्रदेश संयोजक डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा ने कांग्रेस पर देश के विभाजन का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कार्यक्रम पूर्वजों को याद करने का एक अवसर है, जो प्रधानमंत्री मोदी ने दिया है।

27 हजार लोग पहुंचेंगे फरीदाबाद

अनुमान है कि हरियाणा के सभी जिलों से करीब 27 हजार लोग इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए फरीदाबाद पहुंचेंगे। इन लोगों को लाने-ले जाने के लिए 470 रोडवेज बसों के अलावा 1337 प्राइवेट गाड़ियों की भी व्यवस्था की गई है। ये सभी वाहन लोगों को उनके निर्धारित स्थानों से लेकर जाएंगे और कार्यक्रम के बाद वापस छोड़ेंगे, ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो।

आम यात्रियों को होगी परेशानी

इस खास व्यवस्था के कारण गुरुवार को आम यात्रियों को बस सेवा में दिक्कतें आ सकती हैं। प्रदेश के हर डिपो से लगभग 10 से 20 बसें फरीदाबाद जाएंगी, जिससे कई रूटों पर बसों की कमी हो सकती है। खासतौर पर करनाल, कुरुक्षेत्र, जींद और रोहतक जैसे बड़े डिपो से 20 से 25 बसें भेजी जाएंगी, जिससे यात्रियों को बसों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

जींद रोडवेज बस स्टैंड के डीआई जसमेर ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर बसों की व्यवस्था कर दी गई है और विभाग का प्रयास है कि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में बसों के एक साथ दूसरे शहर में जाने से रूट प्रभावित होना स्वाभाविक है।

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