नहरी पानी के बिना प्यासे कंठ: अलेवा में 40 साल से जलघर, फिर भी भूमिगत जल पीने को ग्रामीण विवश  

Women expressing anger in Badhana village for canal water.
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नहरी पानी के लिए बधाना गांव में रोष प्रकट करती महिलाएं। 
जींद में नहरी पानी के लिए 1985 में जलघर तो बना, लेकिन आज तक नहरी पानी की सप्लाई नहीं हुई। ग्रामीण 40 साल से भूमिगत खारा पानी पीने को मजबूर है।

जींद: सरकार ने अलेवा क्षेत्र के गांव बधाना में पीने के नहरी पानी के लिए 1985 में जलघर (Water House) का निर्माण तो कर दिया, लेकिन विभाग के उच्चाधिकारियों के रखरखाव के अभाव में गांव के लोगों को अभी तक पीने के पानी के नाम पर नहरी पानी नसीब नहीं हुआ। इसके कारण 40 साल से गांव के लोग नहरी पानी के लिए तरस रहे है। सरकार व विभाग के खिलाफ हर वर्ष रोष प्रकट करते है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। ग्रामीणों का कहना है कि नहरी पानी नहीं मिलने के कारण भूमिगत खारा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।

नहरी पानी बजाय भूमिगत जल की हो रही सप्लाई

गांव बधाना के ग्रामीणों ने बताया कि 40 साल पहले जलघर का निर्माण हुआ, लेकिन नहरी पानी की जगह आज तक भूमिगत खारे पानी की सप्लाई हो रही है। यह पानी पीना तो दूर, कपड़े धोने के लायक भी नहीं है। गांव के लोगों का कहना है कि शुरू से ही विभाग के अधिकारियों तथा स्थानीय विधायक को नहरी पानी देने के लिए सूचित किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी गांव के लोगों की बात सुनने को तैयार नहीं है। गांव के जलघर से जल्द से लोगों को नहरी पानी (Canal Water) दिया जाए, ताकि लोगों को पीने के पानी के नाम पर किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

टेंडर लगा, जल्द मिलेगा गांव को नहरी पानी

जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग के जेई रोहित ने बताया कि नहरी पानी के लिए लगभग पांच लाख रुपए का टेंडर पास हो चुका है। इसके लिए ठेकेदार भी अलॉट किया जा चुका है। गांव के लोगों को जल्द से जल्द पीने के लिए नहरी पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। विभाग की तरफ से जल्द प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ग्रामीणों को किसी तरह की परेशानी होने नहीं दी जाएगी।

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