सफीदों ब्लाक समिति की बैठक में हंगामा: विपक्षी सदस्यों ने लगाए फर्जीवाड़े के आरोप, सत्तापक्ष ने नकारा 

Police taking away block committee members.
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ब्लाक समिति सदस्यों को ले जाती हुई पुलिस। 
जींद में ब्लाक समिति की विकास ग्रांट वितरण की बैठक में जोरदार हंगामा हो गया। विपक्षी सदस्यों ने जहां गंभीर आरोप लगाए, वहीं सत्तापक्ष ने सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया।

सफीदों/जींद: बीडीपीओ कार्यालय में विकास ग्रांट वितरण को लेकर आयोजित हुई बैठक में जोरदार हंगामा देखने को मिला। हंगामा इतना बढ़ गया कि बीडीपीओ नरेश शर्मा ने मौके पर पुलिस को बुला लिया। सूचना पाकर डीएसपी उमेद सिंह व सिटी थाना प्रभारी ईश्वर सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने हंगामे को तितर-बितर किया। पुलिस अपने साथ कई लोगों को ले गई। इस हंगामें के बीच सत्ता व विपक्षी सदस्यों के बीच जमकर आमना-सामना हुआ।

विपक्ष ने लगाए आरोप, सत्तापक्ष ने नकारा

विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विकास कार्यों की ग्रांट पास करने के लिए बीडीपीओ कार्यालय में बुधवार सुबह 10 बजे बैठक बुलाई थी लेकिन दोपहर 12 बजे तक सदस्यों का कोरम पूरा ना होने के कारण मीटिंग की शुरूआत नहीं हो पाई। मीटिंग के कोरम के हिसाब से 13 मेंबर की उपस्थिति जरूरी है लेकिन मौके पर 11 ही सदस्य मौजूद थे। कोरम पूरा ना होते देख सत्ता पक्ष ने अधिकारियों के साथ मिलकर गैरहाजिर सदस्यों के फर्जी साईन करके कोरम पूरा दिखा दिया, जिसका उन्होंने विरोध किया तो उनके साथ धक्का मुक्की की गई और जान से मारने की धमकियां दी गई।

फर्जी तरीके से करोड़ों की ग्रांट की पास

विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि पहले भी दो मीटिंग कोरम पूर्ण ना होने के बावजूद फर्जी साइन करके कोरम पूरा दिखाकर करोड़ों रुपए की ग्रांट पास की गई। बीडीपीओ की बैठक में क्षेत्र के कई सरपंचों का भारी दखल है और वे प्रेशर से अपने हिसाब से मीटिंग में एजेंडे पास करवाते हैं। वे इस सारे मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों व सरकार को कर चुके हैं लेकिन उनकी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ब्लाक समिति सफीदों चेयरमैन दलबीर सिंह ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को नकारते हुए कहा कि बैठक का कोरम पूरा था और बैठक में 13 सदस्य मौजूद थे। सारी कार्रवाई पूरी तरह से नियमानुसार संपन्न हुई है। किसी भी सदस्य के कोई फर्जी साईन नहीं हैं। उनके साथ कुछ विपक्षी सदस्यों ने बदतमीजी की है।

क्या कहते हैं बीडीपीओ नरेश शर्मा

बीडीपीओ नरेश शर्मा का कहना है कि नियमानुसार मीटिंग का सही रूप से संचालन चल रहा था। दो-तीन सदस्य बार-बार मीटिंग में अड़चन डालकर मीटिंग को कैंसिल करवाना चाहते थे। कई सदस्य बाहर खड़े होकर सदस्यों को मीटिंग में जाने से रोक रहे थे। नियमनानुसार एजेंडा निकालकर ग्रांट वितरण के लिए मीटिंग बुलाई गई थी। मीटिंग में 25 में से 13 सदस्य पहुंचे थे। 13 सदस्य बैठक का कोरम पूरा करते हैं। सदस्यों के फर्जी साईन व हाथापाई के आरोप निराधार व गलत हैं। डीएसपी उमेद सिंह ने बताया कि बीडीपीओ का फोन आया था कि ब्लाक समिति की गाड़ी के आगे कुछ लोग खड़े है और वे रिकार्ड को ले जाने नहीं दे रहे। उसके बाद पुलिस पहुंची और तीन-चार लोगों को राऊंडअप किया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है।

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