जींद में चमत्कार या अंधविश्वास : नीम के पेड़ से निकल रहा 'चमत्कारी' सफेद पानी, बीमारियां ठीक होने की बात फैली तो जुटी भीड़

Villagers carrying white liquid coming out of Neem tree in Kharakbhura village of Jind.
X
जींद के खरकभूरा गांव में नीम के पेड़ से निकल रहे सफेद तरल को लेकर जाते ग्रामीण।
जींद के खरकभूरा गांव के जोहड़ पर करीब 20 साल पुराने नीम के पेड़ से सफेद तरल निकलने से वहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। लोगों में बात फैली है कि इस पानी को पीने से बीमारियां दूर हो रही हैं।

जींद में चमत्कार या अंधविश्वास : जींद के खरकभूरा गांव के जोहड़ पर करीब 20 साल पुराने नीम के पेड़ से सफेद तरल निकलने से वहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। लोगों में बात फैली है कि इस पानी को पीने से बीमारियां दूर हो रही हैं। इस वजह से यहां आस-पास के गांवों के लोग भी जुटने लगे हैं और इसे बाबा रथपुरी का आशीर्वाद बता रहे हैं। लोगों की भीड़ देखकर स्वास्थ्य, वन, पंचायत एवं जन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी गांव का दौरा कर वहां से पानी के सैंपल लिए हैं और ग्रामीणों को मुनादी करवाकर इसका सेवन न करने की अपील की है।

नारियल पानी जैसा स्वाद, लोग बोतल भरकर ले जा रहे

नीम का पेड़ कड़वा होता है, लेकिन इस सफेद तरल को चखने के बाद ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से नारियल पानी का स्वाद होता है वैसा ही यह सफेद तरल लग रहा है। कुछ लोग तो इस तरल को बोतलों में भरकर अपने घर भी लेकर जा रहे हैं। करीब एक माह से यह सिलसिला चल रहा है। प्रशासन द्वारा गांव में मुनियादी करवाकर ग्रामीणों से अपील की है कि जो सफेद तरल निकल रहा है उसका इस्तेमाल न करें।

आस्था के नाम पर लोग पेड़ को बांध रहे धागे

सत्यवान ने कहा कि करीब एक महीने से नीम के पेड़ से सफेद तरल निकल रहा है। इससे देखने एवं लेकर जाने के लिए आसपास के गांवों से लोग आ रहे हैं। टीम आई थी वो सैंपल लेकर गई है। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। नीम के पेड़ के आसपास साफ.-सफाई की जा रही है। यह चमत्कार है। ग्रामीण पेड़ को धागे भी बांधने लगे हैं। यह ऐसा पहला पेड़ है जिससे ऐसा हो रहा है। बन्नी सिंह ने कहा कि यह कुदरत की देन है। सोशल मीडिया पर इसका प्रचार होने के बाद अब आसपास के गांवों के लोग आने लगे हैं। रिश्तेदारों के भी फोन आने लगे हैं। सफेद तरल को चखा गया जो नारियल के पानी की तरह लगता है। कई लोग इसे बाबा रथपुरी का चमत्कार बता रहे हैं। कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए इसका सेवन कर रहे हैं। लोगों की आस्था बढ़ रही है। मेरे भाई कृष्ण के सिर में दर्द होता था। इसका सेवन करने के बाद उसको आराम है। अब यह अंधविश्वास है या चमत्कार कुछ कहा नहीं जा सकता। राजपाल काब्रछा ने कहा कि तारखा गांव में चर्चा चल रही थी कि नीम के पेड़ से सफेद तरल निकल रहा है जो नारियल पानी की तरह है। यह चत्मकार है।

झिल्ली फटने से पेड़ पानी अवशोषित नहीं कर पा रहा : अधिकारी

स्वास्थ्य, वन, पंचायत एवं जन स्वास्थ्य विभाग की टीम नीम के पेड़ से निकल रहे पानी के निरीक्षण के लिए पहुंची। स्वास्थ्य विभाग उचाना से टीम में शामिल एमपीएचडब्ल्यू विक्रम श्योकंद ने बताया कि यह एक रासायनिक प्रक्रिया है। नीम के पेड़ से निकल रहे पानी में चमत्कार जैसी कोई बात नहीं है। ग्रामीण किसी प्रकार के अंधविश्वास में न पड़ें। वन विभाग के दरोगा जगदीप ने बताया कि यह पेड़ों में फंगल इंफेक्शन जैसी एक बीमारी है, बिना किसी जांच के इस पानी का किसी प्रकार का प्रयोग घातक हो सकता है। सरपंच प्रतिनिधि संजीव, कानूनगो रामबिलास ने इस बारे में लोगों को विस्तार से समझाया। वन राजिक अधिकारी अश्वनी कुमार ने बताया कि यह पेड़ की झिल्ली फटने से हो सकता है। इस कारण पेड़ पानी अवशोषित नहीं कर पाता और यह पानी बाहर निकाल देता है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story