Geofencing attendance: फरलो रोकने के लिए लागू किया जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम, सरकारी डॉक्टर विरोध में उतरे

जींद में जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम का विरोध करते स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर व कर्मचारी।
Geofencing attendance : जींद जिले में वीरवार को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने जियो फेंसिंग अटेंडेंस प्रणाली के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस (एचसीएमएस) एसोसिएशन और स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले सैकड़ों डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना दिया और सरकार के इस फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि निजी मोबाइल में यह ट्रैकिंग एप डाउनलोड करने से उनकी निजता का हनन होगा और क्राइम की आशंका भी बढ़ेगी।
अन्य विभागों में नहीं तो स्वास्थ्य विभाग में क्यों?
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे एचसीएमएस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. विजेंद्र ढांडा और कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ओमपाल ढांडा ने सरकार के इस फैसले को एकतरफा और भेदभावपूर्ण करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रदेश के बाकी सरकारी विभागों में जियो फेंसिंग आधारित अटेंडेंस लागू नहीं की जा रही तो केवल स्वास्थ्य विभाग को ही क्यों इस प्रणाली के तहत लाया जा रहा है? प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस तरह की प्रणाली से न केवल कर्मचारियों की निजता का हनन होता है, बल्कि उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है, क्योंकि लोकेशन ट्रैकिंग के कारण संवेदनशील स्थानों पर कार्यरत डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी असुरक्षित महसूस करते हैं।
कोरोना काल का हवाला, सम्मान की मांग
डॉ. ओमपाल ढांडा ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय भी जब अधिकांश सरकारी विभागों के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे, तब स्वास्थ्य विभाग के कर्मी बिना किसी डर के जनता की सेवा में जुटे थे। ऐसे समर्पण के बदले सरकार से प्रशंसा या सुविधा की अपेक्षा थी, लेकिन सरकार जियो फेंसिंग जैसे आदेश थोपकर उनका मनोबल गिरा रही है।
ज्ञापन सौंपकर की मांग, आंदोलन तेज करने की चेतावनी
धरना प्रदर्शन के उपरांत प्रतिनिधिमंडल ने सिविल सर्जन डॉ. सुमन कोहली को ज्ञापन सौंपा, जिसमें जियो फेंसिंग अटेंडेंस प्रणाली को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की मांग की गई। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते इस फैसले को वापस नहीं लिया, तो पूरे राज्य में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस मौके पर डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला, एसएमओ डॉ. रघुवीर सिंह पूनिया, डॉ. संदीप लोहान, डॉ. अजय, डॉ. पुष्पा जागलान और अन्य चिकित्सक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने एक सुर में कहा कि वे इस प्रणाली को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगा रहे हैं डॉक्टर, जियो फेंसिंग की जरूरत नहीं : ढांडा
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (एचसीएमएस) प्रधान डा. विजेंद्र ढांडा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम को लाया जा रहा है। जियो फेंसिंग सिस्टम सैटेलाइट पर आधारित होता है। इसके तहत किसी इलाके के लिए जियो फेंसिंग बनाई जाती है। यह किसी बाउंड्री की तरह होती है। इस बाउंड्री के अंदर जितने भी डिवाइस मौजूद होंगे, उनका रिकॉर्ड बन जाएगा। अस्पताल में अटेंडेंस मार्क करने के लिए चिकित्सकों को इसकी परिधि में आना होगा। इसे मोबाइल में डाउनलोड करवाया जाएगा। जैसे ही वह इस दायरे में आएंगे, उनकी अटेंडेंस मार्क करने के लिए बनाया गया यह मोबाइल एप काम करने लगेगा, जोकि सही नहीं है। सभी चिकित्सक बायोमेट्रिक सिस्टम से अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। अब अगर जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम लागू होता है तो चिकित्सक अपनी हाजिरी के स्वायत्त नहीं रहेंगे।
जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम निजी सुरक्षा पर खतरा : डॉ. भोला
डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने कहा कि जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है। यह एप हर पुरुष व महिला चिकित्सक के मोबाइल में डाउनलोड होगा, जो जीपीएस आधारित है। ऐसे में कोई भी लोकेशन का गलत प्रयोग कर सकता है। सबसे ज्यादा परेशानी महिला चिकित्सकों को है क्योंकि ड्यूटी खत्म कर जाने के बाद कोई भी उनकी लोकेशन शेयर कर कभी भी किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है। ऐसे में सभी चिकित्सकों ने सिरे से जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम को नकारा है। डॉ. भोला ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया गया है और चिकित्सक अस्पताल में बायोमेट्रिक माध्यम से अपनी हाजिरी भी लगा रहे हैं। ऐसे में जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम की कोई आवश्यकता नहीं रह जाती है। स्वास्थ्य विभाग जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम के निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस ले।
