शिक्षा पर राजनीति हावी: गांव सांखोल में स्कूल की जगह बन रहा मंदिर का शेड, ग्रामीणों में रोष, बीडीपीओ से की शिकायत

Construction of shed is being done in village Sankhol of Bahadurgarh.
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बहादुरगढ़ के गांव सांखोल में किया जा रहा शैड का निर्माण।
बहादुरगढ़ में स्कूल के लिए अलॉट जमीन पर राजनीतिक शह के बूते अवैध रूप से शेड का निर्माण किया जा रहा है, जबकि राजकीय स्कूल की हालत जर्जर है।

बहादुरगढ़: गांव सांखोल में स्कूल (School) के लिए अलॉट जमीन पर राजनीतिक शह के बूते अवैध रूप से शेड का निर्माण किया जा रहा है। हैरत की बात है कि राजस्व रिकॉर्ड में भी यह जमीन स्कूल के नाम है। तीन साल पहले हुई सीएम अनाउंसमेंट के तहत इसका टेंडर भी हो चुका है। लेकिन स्कूल का निर्माण शुरू होने से पहले ही यहां सरकारी पैसे से ही शेड बनाया जा रहा है।

गांव का राजकीय स्कूल जर्जर

गांव सांखोल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का भवन बेहद जर्जर अवस्था में है। इसी को ध्यान में रखते हुए गांव के बणी वाले हिस्से में नया स्कूल बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। चूंकि यहां दशकों पहले इंदिरा आवास बस्ती की स्थापना हुई थी और उस समय से ही राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन स्कूल के लिए निर्धारित है। तीन साल पहले यहां स्कूल निर्माण के लिए सीएम (CM) अनाउंसमेंट हुई। करीब 3 करोड़ रुपए का टेंडर भी हुआ। पंचायत ने शिक्षा विभाग को जमीन की निशानदेही भी करवा दी। ठेकेदार यहां आया और सड़क से स्कूल की जमीन का लेवल चैक करने के बाद अमाउंट बढ़वाने की मांग करने लगा। इस चक्कर में निर्माण अटक गया।

स्कूल की जमीन पर कर रहे कब्जा

स्कूल की जमीन पर कुछ लोगों ने अनुचित लाभ उठाते हुए वहां मंदिर की आड़ में करीब एक हजार गज भूमि में शेड का निर्माण शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की जमीन के एक कोने पर एक छोटा सा मंदिर है। जो लोग यहां स्कूल बनने के खिलाफ हैं, उन्होंने जानबूझकर उस छोटे से मंदिर को आगे बढ़ाकर स्कूल की जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। वहां एक कमरे के निर्माण के बाद फर्श और पिल्लर खड़े कर शेड बनाया जा रहा है। इससे गांव के जागरुक लोगों में आक्रोश बना हुआ है। उन्होंने बीडीपीओ (BDPO) को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की।

डबल शिफ्ट में बच्चों को पढ़ा रहे

राजकीय स्कूल (Government School) के प्रिंसिपल संजय राठी ने बताया कि स्कूल की वर्तमान बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। यहां एक हजार बच्चे हैं और उन्हें मजबूरन डबल शिफ्ट में पढ़ा रहे हैं। दो एकड़ पंचायती जमीन स्कूल के नाम है। वर्ष 2021 में सीएम अनाउंसमेंट के तहत निर्माण की घोषणा हुई थी और इसका टेंडर भी अलॉट हो चुका है। प्रशासन ने निशानदेही भी करवा दी थी। जमीन सड़क से नीचे होने के कारण भरत ज्यादा होना है, इसीलिए काम शुरू नहीं हो पाया।

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