बहादुरगढ़ का खून से लाल हुआ रेलवे ट्रैक: इस साल हुए 62 हादसे, 49 लोगों का एक्सीडेंट, 9 ने किया सुसाइड

Train passing through Bahadurgarh Railway Station.
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बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन से गुजरती गाड़ी।
बहादुरगढ़ में रेलवे ट्रैक इस साल खून से लाल हो रहा है। अब तक 62 लोग अपनी जान गंवा चुके है, जिसमें से 49 दुर्घटना का शिकार हुए।

बहादुरगढ़: रोहतक-दिल्ली रेल मार्ग पर बहादुरगढ़ जीआरपी क्षेत्र में एक जनवरी से लेकर अभी तक 62 घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें से 9 लोगों ने आत्म हत्या की है तो बाकी लोगों की एक्सीडेंट या अन्य कारणों से जान गई है। लगातार हो रहे हादसों के बावजूद लोग सबक नहीं ले रहे। अक्सर गलत तरीके से लाइनें क्रास करते लोगों को देखा जा सकता हैं। ऐसे में बहादुरगढ़ का रेलवे ट्रैक खून से लाल हो चुका है।

लापरवाही बन रही हादसे का कारण

जल्दबाजी और लापरवाही के कारण लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। फाटक बंद होने के कारण लोग संयम नहीं बरतते और लाइन क्रास करने लगते हैं। बराही और सांखोल फाटक के पास इसी तरह से कई हादसे हो चुके हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर तो फुट ओवर ब्रिज होने के बावजूद लोगों को ट्रैक पार करते देखे जा सकता हैं। ऐसी ही लापरवाही प्राणों के लिए घातक साबित होती है। बहादुरगढ़ जीआरपी क्षेत्र में होने वाले हादसों में ज्यादातर प्रवासी लोगों की जान जाती है।

पुलिस की फटकार का नहीं असर

छोटूराम नगर, रोहद और बराही फाटक के आसपास हादसे अधिक होते हैं। छोटूराम नगर के आसपास तो शाम के वक्त लोग लाइनों के साथ साथ चलते हैं। अक्सर लाइनों पर बैठे भी नजर आते हैं। पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक भी किया जाता है और फटकार तक लगाई जाती है लेकिन लोग बाज नहीं आते। लापरवाही के कारण औसतन हर तीसरे-चौथे दिन किसी न किसी की जान चली जाती है। इस साल एक जनवरी से लेकर अब तक कुल 62 मामले हुए हैं। इनमें से 49 लोगों की एक्सीडेंट में जान गई। एक लड़के की करंट लगने से जान गई थी।

9 लोगों ने की आत्महत्या

रेलवे लाइनों पर तीन लोगों की अज्ञात कारणों से जान गई, जबकि 9 लोगों ने आत्महत्या की। इनमें छह पुरुष और तीन महिलाएं शामिल रही। अहम बात यह है कि हादसों में जान गंवाने वाले कई शवों की पहचान भी नहीं हो पाती। उधर, जीआरपी का कहना है कि पुलिस अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करती है लेकिन जब तक लोग पूरी तरह से जागरूक नहीं होंगे, तब तक हादसे नहीं थम सकते। ऐसी जल्दबाजी किसी काम की नहीं, जिसमें प्राण ही न बचें, इसलिए लाइनों को सही तरीके से नियमानुसार क्रास करना चाहिए।

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