बहादुरगढ़ में दशहरे पर हादसा: ट्रेन की चपेट में आने से दादी-पोते की मौत, रावण दहन कार्यक्रम में जा रही थी बुजुर्ग महिला

Relatives of the deceased present at the Civil Hospital in Bahadurgarh.
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बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में मौजूद मृतकों के परिजन।
बहादुरगढ़ में पोते के साथ रावण दहन कार्यक्रम देखने जा रही बुजुर्ग महिला ट्रेन की चपेट में आ गई। हादसे में दादी पोते की मौके पर ही मौत हो गई।

बहादुरगढ़: दशहरे के दिन बहादुरगढ़ में दर्दनाक हादसा हो गया। अपने तीन वर्षीय पोते को रावण दहन कार्यक्रम दिखाने लेकर जा रही बुजुर्ग महिला ट्रेन की चपेट में आ गई। हादसे के दौरान मौके पर ही दोनों दादी पोते ने दम तोड़ दिया। हादसे की सूचना जीआरपी को दी गई। सूचना पाकर जीआरपी टीम मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जीआरपी ने परिजनों के बयान पर घटना को संयोग मानकर कार्रवाई की और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए।

दशहरा कार्यक्रम देखने गई थी बुजुर्ग महिला

जानकारी अनुसार यूपी के सीतापुर मूल की नन्ही अपने पोते रितिक संग परनाला में फाटक पार वाले क्षेत्र में दशहरा कार्यक्रम का आयोजन देखने जा रही थी। जब बुजुर्ग महिला परनाला फाटक पार करने लगी तो इसी दौरान एक ट्रेन आ गई और वे दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए। मौके पर ही उनकी जान चली गई। हादसे को देख मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। सूचना पाकर जीआरपी थाने से टीम मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू की। लोगों से पूछताछ की तो मृतकों की शिनाख्त हो गई। इसके बाद शवों को नागरिक अस्पताल में रखवाया गया। रविवार को सुंदर के बयान पर उसकी मां और बेटे के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

मृतक के परिवार में पसरा मातम

जांच अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि शनिवार देर सायं परनाला फाटक पर हादसे में बच्चे और बुजुर्ग महिला की जान चली गई थी। मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। एक ही समय में हुई दो मौतों से नन्ही के परिवार में मातम पसर गया। बता दें कि इस तरह की लापरवाही के कारण बहादुरगढ़ में पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं। फाटक बंद रहती है। इसके बावजूद लोग ट्रैक क्रास करते हैं और कई बार हादसे का शिकार हो जाते हैं। ऐसे ही एक हादसे में दादी पोता भी अपनी जान गंवा बैठे।

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