वर्ल्ड नंबर-1 रेसलर के बेटे का नामकरण: जैकी श्रॉफ ने रखा दक्षित मान, सरिता मोर की ओलिंपिक कमबैक की तैयारी

पहलवान सरिता मोर के बेटे के दिल्ली में हुए नामकरण समारोह में पहुंचे जैकी श्रॉफ।
हरियाणा की विश्व-विख्यात पहलवान सरिता मोर के जीवन में एक नया और ख़ास मोड़ आया है। उनके बेटे के नामकरण समारोह में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता जैकी श्रॉफ शामिल हुए और उन्होंने ही बच्चे का नामकरण किया। जैकी श्रॉफ ने सरिता के बेटे का नाम 'दक्षित मान' रखा है, जो भगवान शिव के नामों में से एक है। इस समारोह ने एक बार फिर बॉलीवुड और खेल जगत के बीच के गहरे रिश्तों को उजागर किया है।
बेटे को गोद में लेकर जैकी श्रॉफ ने दक्षित को आशीर्वाद दिया और कहा, "भिड़ू, ऊपर वाला तुझे मुझसे भी ज़्यादा इज्जत, नाम और शोहरत दे।" जैकी श्रॉफ ने बच्चे को उपहार स्वरूप एक पौधा भी दिया, जो उनके पर्यावरण प्रेम को दर्शाता है।
समारोह में एक घंटा रहे जैकी श्रॉफ
सरिता के पति और कोच, राहुल मान, ने बताया कि जैकी श्रॉफ ने नामकरण से पहले फ़ोन पर बच्चे की राशि पूछी थी। जब उन्हें पता चला कि बच्चे की राशि 'मीन' है, तो जैकी ने फ़ोन पर ही 'दक्षित' नाम सुझा दिया था। यह नाम बाद में नामकरण समारोह में औपचारिक रूप से रखा गया।
राहुल मान ने बताया कि जैकी श्रॉफ के साथ उनके परिवार की जान-पहचान 2010 में दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम से है, और तब से लेकर अब तक यह रिश्ता पारिवारिक बना हुआ है। जैकी श्रॉफ ने इस समारोह में क़रीब एक घंटा बिताया और सरिता के परिवार को मुंबई स्थित अपने घर पर आने का निमंत्रण भी दिया। सरिता मोर ने 7 अक्टूबर को अपने पहले बेटे को जन्म दिया था।
मां बनने के बाद मैट पर वापसी की तैयारी
बेटे को जन्म देने के तुरंत बाद, सरिता मोर ने अपना ध्यान अपने करियर पर केंद्रित कर दिया है। बेटे के जन्म के केवल एक सप्ताह बाद ही उन्होंने अपनी फिटनेस पर काम करना शुरू कर दिया। उनका लक्ष्य दिसंबर के अंत तक मैट पर लौटने का है। हरियाणा में प्रसव के बाद मिलने वाले पारंपरिक आहार—घी-मेवे, पंजीरी और गूंद के लड्डू—से आमतौर पर वजन बढ़ने की आशंका रहती है। लेकिन सरिता, जो अपने करियर को लेकर बेहद गंभीर हैं, सख्त डाइट फॉलो कर रही हैं। पति राहुल मान ने बताया कि डाइटीशियन का प्लान फॉलो किया जा रहा है और पंजीरी-गूंद का सेवन बहुत कम किया जा रहा है ताकि वेट कंट्रोल में रहे।
डिलीवरी से पहले सरिता का वजन 88 किलोग्राम था, जो अब घटकर 76 किलोग्राम हो गया है। उनका लक्ष्य है कि अगले कुछ हफ्तों में वह इसे 66 किलोग्राम तक ले आएं। इसके बाद, उनका अंतिम लक्ष्य 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में वापसी करना है, जो ओलिंपिक में भी मौजूद है। सरिता कहती हैं कि जब बॉक्सर मैरी कॉम मां बनने के बाद तीन बार विश्व चैंपियन बन सकती हैं, तो मैं क्यों नहीं। राहुल मान ने बताया कि परंपरा के अनुसार, 40 दिन बाद सरिता ट्रेनिंग शुरू कर सकती हैं।
वर्ल्ड रैंकिंग कुश्ती टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया था
सरिता ने आख़िरी बार 2024 में सीनियर एशियन और वर्ल्ड रैंकिंग कुश्ती टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। अब मां बनने के बाद, वह नई ऊर्जा और बड़े लक्ष्यों के साथ मैट पर उतरने की तैयारी में हैं। सरिता का कमबैक महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा के तौर पर देखा जा रहा है। गीता फोगाट, जो कॉमनवेल्थ की पहली गोल्ड मेडलिस्ट रेसलर हैं, उन्होंने भी 2021 में बेटे के जन्म के बाद खेल में वापसी की थी। गीता ने 30 किलोग्राम से ज़्यादा वज़न घटाकर 59 किलोग्राम वर्ग में नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था। इस प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में गीता को सरिता ने ही हराया था। वहीं, मैरी कॉम ने भी 2014 के एशियाई खेलों में बच्चे के जन्म के बाद वापसी करते हुए स्वर्ण पदक जीता था।
सरिता मोर भारतीय महिला कुश्ती की एक प्रमुख चेहरा हैं। उन्होंने 2022 में विश्व रैंकिंग में 59 किलोग्राम वर्ग में नंबर-1 स्थान हासिल किया था और एशियाई चैंपियनशिप में चार पदक जीते हैं। 2021 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
कबड्डी प्लेयर से वर्ल्ड नंबर-1 पहलवान तक का सफर
16 अप्रैल 1995 को जन्मीं सरिता ने बचपन में कबड्डी खेलते-खेलते कुश्ती को अपना करियर बना लिया। 2010 में, महज़ 15 साल की उम्र में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कैडेट वर्ग में पदार्पण किया। उनके पति राहुल मान उनके कोच भी हैं। वर्तमान में सरिता भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं।
2022 में वह विश्व रैंकिंग में 59 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में विश्व नंबर-1 रहीं। उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में कई बार पदक जीते। फोगाट बहनों और ओलिंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक जैसी दिग्गजों के बीच सरिता ने अपनी एक ख़ास पहचान बनाई। 2017 में एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में जगह न बना पाने के बावजूद सरिता ने हौसला नहीं खोया और 2021 में एशियाई चैम्पियनशिप में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीतने के साथ विश्व चैम्पियनशिप (ओस्लो) में कांस्य पदक हासिल किया। 2022 में उन्हें उनके शानदार प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
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