Hydrogen Train: हरियाणा के इन जिलों में पहली बार दौड़ेंगीं हाइड्रोजन ट्रेन, जानें क्या है खासियत?

Hydrogen Train in Haryana: भारतीय रेलवे पहली बार हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत करने जा रहा है। भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा के जींद से शुरू होगी। यह ट्रेन बिजली, डीजल ये पेट्रोल से नहीं, बल्कि हाइड्रोजन गैस से चलेगी। हाइड्रोजन गैस के कारण कोई प्रदूषण नहीं होगा और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। इस ट्रेन का निर्माण कार्य चेन्नई की कोच फैक्ट्री में पूरा हो चुका है। इसे आने वाले दो महीनों में हरियाणा के जींद में लाया जायेगा। इसके बाद ये जींद से सोनीपत के बीच चलेगी।
हाइड्रोजन ट्रेन की खासियत
अगर हाइड्रोजन ट्रेन की खासियत की बात करें, तो बता दें कि ये हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा के जींद से सोनीपत के बीच दौड़ेगी। इसकी अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसमें 1200 हॉर्स पावर की क्षमता है। इसमें 2638 यात्रियों को ले जाने की क्षमता के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इससे प्रदूषण नहीं होगा और शोर भी नहीं होगा। इसे चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री तैयार कर रही है।
जींद में बन रहा हाइड्रोजन गैस प्लांट
जींद में हाइड्रोजन गैस प्लांट का काम अंतिम चरण में है। जैसे ही हाइड्रोजन गैस प्लांट का काम पूरा होगा, तो जींद से सोनीपत तक ट्रेन शुरू की जाएंगी। ये पहल न केवल रेलवे की टेक्निकल क्षमता दिखाता है बल्कि ये ग्रीन एनर्जी के लिए भी एक बड़ा कदम है।
2000 मीटर क्षेत्र में बन रहा हाइड्रोजन गैस प्लांट
जानकारी के अनुसार, रेलवे जंक्शन पर 2000 मीटर क्षेत्र में हाइड्रोजन गैस प्लांट बनाया जा रहा है, जिसकी लागत 118 करोड़ रुपए है। ये प्लांट 3000 किलोग्राम हाइड्रोजन गैस स्टोर करेगा। इस प्लांट को रोजाना 40 हजार लीटर की आवश्यकता होगी।
उत्तर रेलवे ने की घोषणाएं
उत्तर रेलवे के जीएम अशोक वर्मा ने रेलवे स्टेशन को लेकर कई विकास कार्यों की घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में वाशिंग लाइन 17 कोच की थी। उसे बढ़ाकर 23 कोच किया जा रहा है। इसे निर्धारित समय में पूरा कराने की तैयारियां चल रही हैं। प्लेटफार्म 1 और 2 को आपस में जोड़ने वाला प्लेटफॉर्म जल्द तैयार हो जाएगा।
कर्मचारियों की सुनी समस्याएं
अपने दौरे में अशोक वर्मा ने रेलवे कर्मचारियों की समस्याएं सुनीं और उनकी समस्याओं का जल्दी हल निकालने का वादा किया। उन्होंने कहा कि रेलवे का काम सिर्फ ट्रेनों और स्टेशनों को बेहतर बनाना ही नहीं, बल्कि वहां काम करने वाले कर्मचारियों की हालत और सुविधाएं सुधारना भी है।
