Human right commission: बुजुर्ग ने चिट्ठी भेज बताई वृद्धाश्रम की सच्चाई, डीसी समेत कई अफसर तलब

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हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पानीपत के बुजुर्ग की शिकायत पर लिया संज्ञान।

हरियाणा के पानीपत के वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्ग ने मानवाधिकार आयोग को शिकायत भेज नारकीय जीवन की शिकायत। तीन मुद्दों पर कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

Human right commission : हरियाणा मानवअधिकार आयोग ने एक बुजुर्ग द्वारा उठाई गई गंभीर शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। आयोग ने बुजुर्ग को न्याय दिलाने के लिए कई विभागों, डीसी, एडीसी व सचिव समेत कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। 15 अक्टूबर को बुजुर्ग की शिकायत के संबंध में एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई है।

शिकायत में तीन प्रमुख मुद्दे उठाए

आयोग के समक्ष पानीपत के अमर सिंह मुरवाला द्वारा दायर संयुक्त शिकायत में तीन प्रमुख मुद्दों को उठाया गया, जिनमें पारिवारिक पहचान पत्र PPP को मनमाने तरीके से कैंसिल करना। मुख्यमंत्री आवास योजना से वंचित करना और पानीपत के वृद्धाश्रम में अमानवीय स्थिति में रहने की विवशता शामिल है। इन तीनों ही शिकायतों पर मानवाधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है।

PPP से बिना सुनवाई काट दिया नाम

शिकायत में बताया गया कि अमर सिंह एक वरिष्ठ नागरिक और अंत्योदय श्रेणी के सत्यापित लाभार्थी हैं। उन्होंने बताया कि उनका पारिवारिक पहचान पत्र PPP No. 525M4911 को बगैर किसी पूर्व सूचना, जांच या सुनवाई के निष्क्रिय कर दिया गया। इस वजह से उन्हें अंत्योदय अन्न योजना और वृद्धावस्था पेंशन जैसी कई जरूरी योजनाओं से वंचित होना पड़ा। इस वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आवास योजना का नहीं मिला लाभ

शिकायत में बुजुर्ग ने कहा कि वह भूमिहीन, निराश्रित और सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री आवास योजना MMAY के अंतर्गत 100 वर्ग गज का प्लॉट या वैकल्पिक आवास सहायता नहीं दी गई। यदि यह सहायता मिल जाती तो उन्हें काफी राहत होती।

रहने लायक नहीं पानीपत का वृद्धाश्रम

शिकायतकर्ता ने बताया कि वह वर्तमान में रेडक्रॉस द्वारा पानीपत के वार्ड 11 में संचालित वृद्धाश्रम में रह रहे हैं, जहां की स्थिति अत्यंत गंदी और स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। यहां पर रहने से बीमार होने का खतरा है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।

आयोग ने यह दिए आदेश

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने इसे गंभीर प्रशासनिक विफलता और संवेदनहीनता करार दिया। इसे अनुच्छेद 21 के तहत गरिमामय जीवन के अधिकार, वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 के तहत दायित्वों की अनदेखी बताया। आयोग ने इसे एक यांत्रिक, अपारदर्शी और गंभीर प्रशासनिक लापरवाही का मामला माना। अपने आदेश में न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने लिखा कि परिवार पहचान पत्र की जांच कर पुनः सक्रिय किया जाए। निष्क्रियकरण की विस्तृत रिपोर्ट, सुधारात्मक कदम और रोकथाम उपाय प्रस्तुत किए जाएं। हरियाणा सरकार का Housing for All विभाग शिकायतकर्ता की पात्रता की दोबारा जांच करे। पात्र पाए जाने पर उचित आवास या 100 वर्ग गज का प्लॉट आवंटित किया जाए। वृद्धाश्रम के बारे में उन्होंने कहा कि नगरपालिका आयुक्त और जिला रेडक्रॉस सचिव संयुक्त निरीक्षण करें। दो सप्ताह के भीतर वहां सफाई, फॉगिंग और पेस्ट कंट्रोल सुनिश्चित करें।

इन अधिकारियों को जारी किए नोटिस

जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि अमर सिंह मुरवाला की शिकायत के सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त एवं सचिव, नागरिक संसाधन सूचना विभाग CRID, आयुक्त एवं सचिव, हाउसिंग फार आल विभाग, पानीपत के उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, पानीपत नगर निगम के आयुक्त, जिला रेडक्रॉस सोसायटी सचिव, वृद्धाश्रम के प्रबंधक को नोटिस जारी कर कार्रवाई रिपोर्ट अगली तारीख से पहले तलब की है। अगली सुनवाई की तिथि 15 अक्टूबर 2025 तय की गई है।

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