HPSC की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर सवाल: सुरजेवाला का आरोप- बिहार आयोग के पेपर से 32 प्रश्न ज्योग्राफी की परीक्षा में किए कॉपी

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए।
HPSC की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर सवाल : हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आयोग पर गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इसे 'हेराफेरी सर्विस कमीशन' करार दिया। उन्होंने कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली ने प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया है। रविवार को हिसार में आयोजित पत्रकारवार्ता में सुरजेवाला ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी और एचपीएससी चेयरमैन आलोक वर्मा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने और आयोग को भंग करने की मांग की। उन्होंने आलोक वर्मा को बर्खास्त करने की भी मांग की।
बिहार के पेपरों से कॉपी किए प्रश्न
सुरजेवाला ने सबसे गंभीर आरोप यह लगाया कि आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के ज्योग्राफी पेपर में 32 प्रश्न हूबहू बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के पूर्व प्रश्नपत्रों से कॉपी किए गए हैं। इनमें से 26 सवाल पूरी तरह और 6 आंशिक रूप से मिलते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह नकल सीधे तौर पर आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा की भूमिका पर सवाल खड़े करती है, जो स्वयं बिहार से हैं।
पेपर की सील टूटी, उत्तर कुंजी में भी गलती
राज्यसभा सदस्य ने बताया कि 29 मई को पॉलिटिकल साइंस और 1 जून को हिंदी विषय की परीक्षा के दौरान पेपरों की सील टूटी हुई मिली। इसके बावजूद आयोग ने 30 मई को बयान जारी कर सब कुछ सामान्य बताया। लेकिन जब अभ्यर्थियों ने विरोध किया, तो अंततः 3 जून को परीक्षा रद्द करनी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि आंसर की में भी गलतियां जानबूझकर की गईं, जिससे योग्य उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचा।
2019 से अटकी है नियुक्ति प्रक्रिया
सुरजेवाला ने बताया कि हरियाणा में पिछले सात वर्षों से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। अगस्त 2024 में सरकार ने 2424 पदों के लिए आवेदन मांगे थे, जिनके लिए लगभग डेढ़ लाख युवाओं ने आवेदन किया। लेकिन परीक्षा प्रक्रिया शुरू होते ही अनियमितताओं और धांधलियों की लंबी श्रृंखला सामने आ गई।
कांग्रेस ने दी प्रदर्शन करने की चेतावनी
आए दिन ‘भर्ती घोटाला’ - BJP बनी ‘भर्ती जालसाजी पार्टी’!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 6, 2025
HPSC है ‘हेराफेरी सर्विस कमीशन’!
असिस्टैंट प्रोफेसर भर्ती बनी ‘धांधली’, ‘हेराफेरी’ और ‘गड़बड़झाले’ की दुकान!
HPSC हो बर्खास्त, असिस्टैंट प्रोफेसर भर्ती हो दोबारा, न्यायिक जाँच ही अकेला उपाय! https://t.co/bi5lWjsceL
सुरजेवाला ने कहा कि यह सिर्फ पेपर लीक या सवालों की नकल का मामला नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के युवाओं की मेहनत और सपनों के साथ खुला विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि आयोग के स्तर पर हुई इन गड़बड़ियों के लिए मुख्यमंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। प्रेस वार्ता के अंत में सुरजेवाला ने मांग की कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जाए ताकि दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कांग्रेस विधानसभा से सड़क तक आंदोलन करेगी। इस मुद्दे पर अभी तक आयोग या राज्य सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन आरोपों के बाद भर्ती प्रक्रिया पर गहरा संशय पैदा हो गया है।
सुरजेवाला ने आंसर की में यह सवाल उठाए
HTET परीक्षा में अलग, ज्योग्राफी में अलग उत्तर
असिस्टेंट प्रोफेसर (ज्योग्राफी) भर्ती प्रक्रिया पर सुरजेवाला ने सवाल खड़े किए। उन्होंने न केवल प्रश्नों की गुणवत्ता पर सवाल उठाया, बल्कि ‘रिवाइज्ड आंसर की’ में हुई गड़बड़ियों का दस्तावेजी सबूत भी पेश किया। सुरजेवाला ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर (ज्योग्राफी) परीक्षा का प्रश्न संख्या 46 पहले 2017 के HTET परीक्षा में भी पूछा जा चुका है। उस वक्त हरियाणा सरकार की आधिकारिक उत्तर कुंजी में सही उत्तर “जीन गोटमैन” को माना गया था। लेकिन अब उसी प्रश्न का सही उत्तर बदलकर “पेट्रिक गैडस” कर दिया गया है।
बिना आधार हटाए गए सही सवाल
‘रिवाइज्ड आंसर की’ में आयोग द्वारा 10 प्रश्नों को पूरी तरह डिलीट कर दिया गया है। इनमें से 6 प्रश्न — क्रमशः 9, 17, 20, 32, 36 और 63 — पूरी तरह वैध और अकादमिक रूप से सही थे। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि इन सवालों को बिना किसी स्पष्ट कारण के हटाना, पारदर्शिता और निष्पक्षता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इन प्रश्नों को हटाकर न केवल योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हुआ, बल्कि आयोग की प्रक्रिया पर भी सवाल उठे हैं।
दो-दो सही उत्तरों वाले सवालों को हटाया
सुरजेवाला ने यह भी बताया कि 5 प्रश्न — क्रमांक 13, 19, 43, 52 और 76 — ऐसे थे जिनमें दो उत्तर वैध थे। लेकिन आयोग ने इन्हें भी पूरी तरह परीक्षा से हटा दिया। उनका कहना था कि ऐसे मामलों में दोनों उत्तरों को मान्य माना जाना चाहिए या फिर ग्रेस मार्क्स दिए जाने चाहिए थे। इन सवालों को हटाने से अभ्यर्थियों की मेहनत का अनादर हुआ है और पूरे चयन तंत्र की वैधता पर सवालिया निशान लग गया है।