मां की हत्या में बेटे को अंतिम सांस तक जेल: हिसार जिला कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया, पत्नी ने ही खोला था पति का राज

हरियाणा के हिसार जिले से रिश्तों को कलंकित करने वाली एक घटना में न्याय की जीत हुई है। मंडी आदमपुर के जवाहर नगर में अपनी ही मां की गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपी बेटे कमल को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश निशांत शर्मा की अदालत ने दोषी पर 12 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। यह फैसला ठोस साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर सुनाया गया है।
5 जून 2024 को सामने आया मामला
यह सनसनीखेज मामला 5 जून 2024 को सामने आया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार दोषी कमल अपनी मां रोशनी देवी के चाल-चलन पर संदेह करता था। इसी सनक और रंजिश के चलते उसने अपनी मां पर गोली चला दी। वारदात के समय मां अपने बेटे से अलग रहती थी। कमल ने इस जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद खुद अपनी पत्नी को इस बारे में जानकारी दी थी।
पत्नी की गवाही बनी सबसे बड़ा सबूत
इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब दोषी कमल की पत्नी संतोष देवी ने अपने ही पति के खिलाफ बयान दर्ज कराया। संतोष ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी वारदात से महज चार महीने पहले ही हुई थी। वह और कमल किराए के मकान में रहते थे, जबकि उसकी सास रोशनी देवी अलग रहती थीं।
घटना वाले दिन कमल अपनी पत्नी के पास आया और बेहद ठंडे दिमाग से बताया कि उसने अपनी मां को गोली मार दी है और उनका शव गली में पड़ा है। जब संतोष मौके पर पहुंची, तो उसने देखा कि उसकी सास खून से लथपथ हालत में औंधे मुंह गिरी हुई थीं। संतोष ने तुरंत अपने देवर रूपेश को फोन किया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
शक की सनक और पुलिस की कार्रवाई
आदमपुर थाना पुलिस ने संतोष देवी की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि कमल अपनी मां के चरित्र को लेकर मन में मैल रखता था और उसे लगता था कि उसकी मां का आचरण सही नहीं है। इसी शक की वजह से उसने अपनी मां को खत्म करने की योजना बनाई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर कमल को गिरफ्तार किया और हथियार बरामद कर अदालत में पुख्ता चालान पेश किया।
रिश्तों के कत्ल पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और चश्मदीद गवाहों के बयानों पर गौर करने के बाद कमल को अपनी मां की हत्या का दोषी पाया। न्यायाधीश ने समाज में बढ़ते ऐसे जघन्य अपराधों पर चिंता जताते हुए दोषी को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई। यह फैसला उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो शक या गुस्से में आकर अपनों के खून से हाथ रंग लेते हैं।
