Rampal sedition court case: देशद्रोह मामले में रामपाल को हिसार कोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

baba rampal
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हिसार कोर्ट ने जेल में बंद रामपाल की जमानत याचिका खारिज की। 

हिसार हिंसा से जुड़े देशद्रोह के मामले में कोर्ट ने रामपाल को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। चार केस में बरी होने के बावजूद अभी रामपाल जेल में बंद है।

Rampal sedition court case : देशद्रोह के मामले में जेल में बंद रामपाल को बड़ा झटका लगा है। हिसार में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश परमिंदर कौर की अदालत ने इस मामले में गुरुवार को बहस व पुलिस के जवाब सुनने के बाद रामपाल की जमानत याचिका रद कर दी। रामपाल के वकील महेंद्र सिंह नैन व सचिन दास ने अगले सप्ताह हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर करने की बात कही है।

980 से अधिक आरोपी, दो जेल में

देशद्रोह के इस मामले में 980 से अधिक आरोपी हैं। इनमें से रामपाल और हाल ही में गिरफ्तार एक आरोपी जेल में है। रामपाल इससे पहले चार आपराधिक मामलों से बरी हो चुका है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हत्या के दो मामलों में रामपाल की सजा निलंबित कर दी है। एक मामले में आजीवन कारावास की सजा है।

रोहतक हिंसा में गिरफ्तारी के विरोध पर बवाल

रामपाल से जुड़े इस मामले की पृष्ठभूमि 2016 में रोहतक के करौंथा आश्रम में समर्थकों और आर्य समाजियों के बीच हुए संघर्ष से शुरू हुई। इसमें एक युवक की हत्या हो गई थी। 14 जुलाई 2014 को रोहतक अदालत में सुनवाई थी। यह सुनवाई हिसार अदालत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होनी थी। इस दिन रामपाल के समर्थकों ने हिसार अदालत परिसर में उपद्रव किया। उन्होंने अदालत परिसर को घेरा, एक शीशा तोड़ा और वकीलों से मारपीट की। इसके बाद जिला बार एसोसिएशन ने हड़ताल कर हाईकोर्ट में अदालत की अवमानना याचिका दायर की। रामपाल दो बार अदालत में पेश नहीं हुए। उनके खिलाफ 10 और 17 नवंबर 2014 को गैर जमानती वारंट जारी किए गए। 17 नवंबर को भी गिरफ्तारी न होने पर हाईकोर्ट ने 20 नवंबर तक का समय दिया।

पुलिस पर रामपाल के कमांडो ने चलाई थीं गोलियां

आरोप है कि 18 नवंबर 2014 को जब पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने आश्रम पहुंची तो कार्रवाई के जवाब में रामपाल के कमांडो ने पेट्रोल बम फेंके और गोलियां चलाईं। इस दौरान पुलिस और रामपाल की कथित सेना के बीच एक सप्ताह तक भयंकर झड़प हुई। इसमें छह अनुयायियों की मौत हो गई थी। आखिरकार जब पुलिस ने इस किले को भेदकर रामपाल को पकड़ा तो वहां कई संदिग्ध सामान बरामद हुआ। इसके बाद पुलिस ने देशद्रोह समेत कई मामले दर्ज किए। रामपाल नवंबर 2014 से जेल में हैं।

सरकारी नौकरी से बाबा बनने तक का सफर

रामपाल का जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले के धनाना गांव में हुआ था। सामान्य परिवार में जन्मे रामपाल ने पढ़ाई कर सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी की। इस दौरान उसकी मुलाकात कबीरपंथी स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई। यहीं से अध्यात्म की ओर चला रामपाल सिंह दीक्षा लेने के बाद जगतगुरु रामपाल बन गया और आश्रम में रहने लगा। नौकरी छोड़कर लोगों को प्रवचन देने लगा। अनुयायियों के लिए सतलोक आश्रम की स्थापना की। अब रामपाल का जादू ऐसा चला कि अनुयायियों की संख्या हजारों में हो गई।

आर्यसमाज के खिलाफ टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद

रामपाल ने साल 2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर टिप्पणी की। इसके बाद आर्यसमाज रामपाल के खिलाफ खड़ा हो गया। रोहतक के करौंथा आश्रम के बाहर आर्यसमाजियों का धरना शुरू हो गया। इस दौरान वहां हुई हिंसक झड़प में एक आर्यसमाजी युवा की हत्या हो गई। पुलिस ने केस दर्ज कर आश्रम को अपने कब्जे में लिया। रामपाल और 24 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया। 2008 में बाबा जेल से बाहर आया और 2009 में आश्रम वापस मिल गया। इसके बाद भी आर्यसमाजियों व रामपाल समर्थकों में झड़प होती रही।

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