Haryana Monsoon: हरियाणा में जून के अंत में मानसून की एंट्री, तय समय पर ही दस्तक देगा, अभी 25 दिन का इंतजार

हरियाणा में जून के अंत में मानसून की एंट्री, तय समय पर ही दस्तक देगा, अभी 25 दिन का इंतजार
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पांच दिन की बारिश और आंधी के बाद अब मौसम सामान्य हो रहा है। आमतौर पर 28 जून से 3 जुलाई के बीच पूरे प्रदेश में मानसून पहुंच जाता है। मई में हुई प्री-मानसून बारिश ने पिछले 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है, जो अच्छे मानसून का संकेत है।

हरियाणा में पांच दिनों की लगातार बारिश और आंधी के बाद अब मौसम सामान्य होने की उम्मीद है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मानसून अपने तय समय पर ही दस्तक देगा। आमतौर पर मानसून 28 जून से हरियाणा में आना शुरू हो जाता है और 3 जुलाई तक पूरे प्रदेश में फैल जाता है। हालांकि अभी पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून का असर दिख रहा है, लेकिन हरियाणा में इसके पहले आने की कोई उम्मीद नहीं है।

मानसून कब और कैसे देगा दस्तक

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून के समय से पहले आने की शुरुआती अटकलों के उलट, अब यह अपने निर्धारित समय पर ही आने की संभावना है। उन्होंने साफ किया कि मानसून राज्य में तीन अलग-अलग दिशाओं दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड से प्रवेश कर सकता है। यह मुख्य रूप से हवा की दिशा पर निर्भर करेगा कि मानसून किस रास्ते से हरियाणा में आएगा।

इस साल कैसा रहेगा मानसून

मौसम विभाग के अनुसार इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद है। यह एक अच्छी खबर है खासकर हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्य के लिए। गौरतलब है कि मानसून पूर्व की बारिश ने पहले ही कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मई 2025 में हुई वर्षा ने पिछले 17 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्री-मानसून गतिविधियां आगामी मानसून के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं।

2024 में थोड़ा कमजोर रहा था मानसून

पिछले साल 2024 की बात करें तो दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य से 5% कम रहा था। हरियाणा में जून से सितंबर तक मानसून की अवधि मानी जाती है। सामान्य तौर पर इस दौरान 430.7 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन पिछले साल यह आंकड़ा 409.4 मिलीमीटर तक ही पहुंच पाया था।

2024 में जून में मानसून में 53%, जुलाई में 58%, अगस्त में 126% और सितंबर में 137% बारिश हुई थी। इसका मतलब है कि अगस्त और सितंबर की बारिश ने ही मानसून का कोटा पूरा किया था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 2024 में मानसून सामान्य रहा था। इससे पहले 2011 और 2018 में मानसून बेहतर रहा था। हालांकि, 1901 और 1987 में मानसून की महज 63.6% बारिश हुई थी, जो सबसे कम थी।

किसानों के लिए क्या हैं संकेत

अच्छे मानसून की संभावना किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है, क्योंकि यह खरीफ फसलों की बुवाई और अच्छी पैदावार के लिए बेहद जरूरी है। पर्याप्त बारिश से न केवल भूजल स्तर में सुधार होता है, बल्कि सिंचाई पर निर्भरता भी कम होती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले नवीनतम अपडेट्स पर ध्यान दें ताकि वे अपनी फसलों की योजना उसी के अनुसार बना सकें। अब सभी की निगाहें हवा की दिशा और मानसून की वास्तविक दस्तक पर टिकी हैं। उम्मीद है कि इस साल हरियाणा में अच्छी बारिश होगी और सूखे की चिंता दूर होगी।

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