अहमदाबाद हादसे से सबक: हिसार एयरपोर्ट पर इमरजेंसी मॉकड्रिल, डमी प्लेन में आग लगाकर किया गया बचाव का अभ्यास

मॉक ड्रिल के दौरान घायल को एम्बुलेंस में ले जाते कर्मचारी।
गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान क्रैश हादसे से सबक लेते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने देशभर के सभी हवाई अड्डों को 30 जून से पहले आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में, हिसार के महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे पर गुरुवार को प्रशासन द्वारा एक भव्य मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य इमरजेंसी हालातों में किस तरह और कितनी तेजी से प्रतिक्रिया दी जाए, इसका सघन अभ्यास करना था।
अलार्म बजते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाया
मॉकड्रिल की शुरुआत एक बेहद वास्तविक दृश्य के साथ हुई। एयरपोर्ट के रनवे पर एक डमी (नकली) प्लेन में जानबूझकर आग लगाई गई। आग की ऊंची लपटें और आसमान में उठता काला घना धुआं देखकर कुछ पल के लिए यह दृश्य किसी वास्तविक हादसे जैसा ही प्रतीत हुआ। आग लगते ही, अलार्म बज उठे और तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाया गया। कुछ ही देर में, राहत और बचाव कार्य पूरे वेग से शुरू कर दिए गए। जैसे ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग बुझाने का काम शुरू किया, वैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी सक्रिय हो गईं और एम्बुलेंस के सायरन पूरे परिसर में गूंजने लगे।
घायलों को सीपीआर और फर्स्ट एड की ट्रेनिंग
इस ड्रिल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा घायलों को बचाना और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना था। फायर-कर्मियों और बचाव दल ने अत्यधिक मुस्तैदी दिखाते हुए, एक-एक करके डमी प्लेन से 'घायलों' को बाहर निकाला। इन घायलों को स्ट्रेचर और एम्बुलेंस की मदद से सुरक्षित स्थान तक लाया गया, जहां पहले से ही तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें फर्स्ट एड (प्राथमिक उपचार) दिया। कुछ 'गंभीर घायलों' को मौके पर ही सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) भी दिया गया, ताकि उन्हें अस्पताल पहुंचाने से पहले स्थिर किया जा सके। गंभीर 'घायलों' को बाद में नागरिक अस्पताल में रेफर करने का अभ्यास भी किया गया। इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस प्रशासन ने भी सक्रिय सहयोग दिया। पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल के चारों ओर एक सुरक्षा घेरा बनाया, ताकि बचाव कार्य में कोई बाधा न आए और अनावश्यक भीड़ को दूर रखा जा सके।
अधिकारियों की मुस्तैद टीम और सहयोगी विभाग
इस पूरी मॉकड्रिल को कार्यवाहक एयरपोर्ट डायरेक्टर सत्यवीर यादव, एयरपोर्ट फायर इंचार्ज सुमित ढांडा, और एयरपोर्ट ऑपरेशन इंचार्ज पारस यादव के कुशल दिशा-निर्देशन में अंजाम दिया गया। इस अभ्यास में हिसार के स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गौरतलब है कि हिसार एयरपोर्ट प्रशासन ने हिसार के स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग के साथ पहले ही समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हुए हैं, जिसके तहत ये दोनों विभाग किसी भी आपातकालीन स्थिति में एयरपोर्ट प्रशासन की मदद के लिए तैयार रहेंगे। यह सहयोग आपदा प्रबंधन के लिए एक मजबूत तंत्र सुनिश्चित करता है।
सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने के आदेश
अहमदाबाद विमान हादसे के बाद से नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी हवाई अड्डों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। हिसार एयरपोर्ट पर भी इन निर्देशों का पालन करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कमी को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इन नए सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत, अब महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री या किसी अन्य विशिष्ट व्यक्ति का स्वागत करने आने वालों को लिखित में अनुमति लेनी पड़ेगी। बिना पूर्व अनुमति के किसी को भी एयरपोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। पहले, जिलाध्यक्ष के कहने पर भी किसी भी कार्यकर्ता को स्वागत कमेटी में शामिल कर एयरपोर्ट पर एंट्री मिल जाती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया और सख्त कर दी गई है।
भविष्य में CISF संभालेगी एयरपोर्ट की सुरक्षा
मौजूदा समय में, हरियाणा सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच हुए एमओयू के चलते हिसार एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार के पास ही है। हरियाणा पुलिस की थर्ड बटालियन वर्तमान में एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है। हालांकि, आने वाले सालों में ऐसी संभावना है कि हरियाणा सरकार इस हवाई अड्डे के रखरखाव और संचालन के लिए किसी निजी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंप सकती है। इसके साथ ही, DGCA हिसार एयरपोर्ट की सुरक्षा को भी बाकी घरेलू एयरपोर्टों की तरह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंप सकता है। CISF हवाई अड्डे के मुख्य क्षेत्रों जैसे प्रवेश द्वार, यात्री सुरक्षा जांच और हवाई अड्डे की परिधि की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होती है। इसके अतिरिक्त, CISF हवाई अड्डे पर काम करने वाले कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। CISF की तैनाती से हवाई अड्डे की सुरक्षा और भी मजबूत होने की उम्मीद है।
