Fraud: नारनौंद में दूसरे की जमीन पर 18.65 लाख का कृषि ऋण लेने चला शातिर, ऐसे खुला राज

नारनौंद में दूसरे की जमीन पर 18.65 लाख का कृषि ऋण लेने चला शातिर, ऐसे खुला राज
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बैंक कंप्यूटर ऑपरेटर ने पाया कि जिस जमीन पर लोन लिया जा रहा था वह उसके के नाम पर नहीं थी। यह जमीन सोनू और अमित की थी और दिया गया इंतकाल नंबर भी फर्जी निकला।

हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर एक्सिस बैंक से 18.65 लाख रुपये का कृषि ऋण लेने की कोशिश की। यह मामला तब उजागर हुआ जब तहसील कार्यालय में दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच की गई। धोखाधड़ी पकड़े जाने के बाद आरोपी युवक फर्जी कागजात लेकर फरार हो गया। पुलिस ने तहसीलदार की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पिता की बीमारी का बहाना, जल्दी लोन प्रक्रिया पूरी करने का अनुरोध

जानकारी के अनुसार, जींद की श्याम नगर कॉलोनी का रहने वाला रिंकू नाम का युवक एक्सिस बैंक से 18.65 लाख रुपये का कृषि ऋण लेने के लिए नारनौंद तहसील कार्यालय पहुंचा था। उसके साथ बैंक का एक कर्मचारी भी था। रिंकू ने अपने पिता की बीमारी का बहाना बनाकर जल्दी से जल्दी लोन प्रक्रिया पूरी करने का अनुरोध किया। पंजीकरण लिपिक ने उसकी बात सुनकर सब-रजिस्ट्रार से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए।

ऑनलाइन जांच से पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

हालांकि, कंप्यूटर ऑपरेटर राकेश शर्मा ने जब ऑनलाइन रिकॉर्ड चेक किया तो रिंकू का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि जिस खेवट नंबर 270 की जमीन पर रिंकू लोन लेने की कोशिश कर रहा था, उस पर उसका नाम दर्ज ही नहीं था। यह जमीन वास्तव में सोनू और अमित पुत्र लीलाराम के नाम थी। इसके अलावा, रिंकू द्वारा दिखाया गया इंतकाल नंबर 2523 भी फर्जी निकला।

भेद खुलने पर फरार हुआ आरोपी

जैसे ही रिंकू को पता चला कि उसका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, वह तुरंत तहसील कार्यालय से फरार हो गया। भागते समय वह अपने साथ सभी फर्जी दस्तावेज भी ले गया। इसके बाद बैंक कर्मियों की मदद से रिंकू के घर का पता लगाया गया। उसके परिवार ने पुलिस को बताया कि रिंकू प्रवीन नाम के किसी व्यक्ति के संपर्क में था, जिसने उसे ऋण दिलवाने का वादा किया था।

पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू

नारनौंद के नायब तहसीलदार ओमबीर ने इस मामले में नारनौंद थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत के आधार पर, रिंकू, उसके सहयोगी प्रवीन, और उन दो नंबरदारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है जिन्होंने दस्तावेजों की पहचान की थी। ये नंबरदार देवेंद्र कुमार और कृष्ण कुमार हैं।

बैंक के वकील की भूमिका भी संदिग्ध

पुलिस की प्रारंभिक जांच में एक्सिस बैंक के पैनल वकील की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। इस वकील ने रिंकू के पक्ष में जमीन की जांच रिपोर्ट दी थी, जिस पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले खेड़ी जालब उप-तहसील में भी एक्सिस बैंक जींद से जुड़ा इसी तरह का एक फर्जीवाड़ा सामने आया था, जिससे इस तरह के मामलों में बैंक की आंतरिक जांच प्रक्रियाओं पर सवाल उठते हैं। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहराई से छानबीन कर रही है ताकि सभी दोषियों को पकड़ा जा सके और ऐसे धोखाधड़ी के प्रयासों पर लगाम लगाई जा सके।

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