फोर्ब्स इंडिया की लिस्ट: हिसार की सावित्री जिंदल बनीं देश की सबसे अमीर महिला, अंबानी-अडानी के बाद तीसरे नंबर पर

Richest Woman
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सावित्री जिंदल। 

ओपी जिंदल समूह की प्रमुख और हिसार की विधायक सावित्री जिंदल भारत की सबसे अमीर महिला बन गई हैं, 39.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ उन्होंने देश के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति का स्थान हासिल किया है।

ओपी जिंदल समूह की प्रमुख और हिसार की विधायक सावित्री जिंदल ने भारत के कॉरपोरेट जगत में एक नया मुकाम हासिल किया है। फोर्ब्स इंडिया की 'रिच लिस्ट 2025' के अनुसार सावित्री जिंदल अब भारत की सबसे अमीर महिला बन गई हैं। उनकी कुल संपत्ति 39.6 बिलियन डॉलर दर्ज की गई है, जिसके साथ उन्होंने मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के बाद देश के सबसे धनी लोगों में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। यह सूची गुरुवार (9 अक्टूबर) को जारी हुई, जिसके बाद सावित्री जिंदल अब दुनिया के सबसे अमीर लोगों में 48वें स्थान पर पहुंच गई हैं।

6 महीने में 4.1 बिलियन डॉलर का उछाल

सावित्री जिंदल की संपत्ति में पिछले छह महीनों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अप्रैल 2025 में जारी पिछली फोर्ब्स बिलियनेयर लिस्ट के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 35.5 बिलियन डॉलर थी। यानी केवल छह महीने की अवधि में उनकी संपत्ति में 4.1 बिलियन डॉलर का भारी उछाल आया है।

यह बढ़ोतरी तब हुई है, जब भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की नेटवर्थ में औसतन 9% की गिरावट आई है, जिससे उनकी कुल नेटवर्थ 1.1 ट्रिलियन डॉलर से घटकर लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर (करीब ₹88 लाख करोड़) रह गई है। जिंदल समूह का इस दौरान लगातार आगे बढ़ना उनकी मजबूत व्यावसायिक रणनीति और बाजार की अच्छी पकड़ को दर्शाता है। सावित्री जिंदल का राजनीतिक परिचय भी है। वह हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट से विधायक हैं। वहीं, उनके बेटे और उद्योगपति नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं।

चार बेटों में बंटा विशाल कारोबारी साम्राज्य

ओपी जिंदल समूह की अध्यक्ष सावित्री जिंदल का व्यापारिक साम्राज्य इस्पात (स्टील), बिजली (पावर), सीमेंट और बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फैला हुआ है। इस कंपनी की स्थापना उनके दिवंगत पति ओम प्रकाश जिंदल ने की थी। साल 2005 में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनके निधन के बाद ओपी जिंदल ने अपनी विरासत को अपने चार बेटों में बांट दिया था।

व्यवसाय का विभाजन

• सज्जन जिंदल : वह मुंबई स्थित जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसडब्ल्यू सीमेंट और जेएसडब्ल्यू पेंट्स का नेतृत्व करते हैं। हाल ही में उन्होंने जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर को सार्वजनिक किया। 2024 में, उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में विस्तार करते हुए चीन की एसएआईसी मोटर की सहायक कंपनी एमजी मोटर इंडिया में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की।

• नवीन जिंदल : वह दिल्ली में जिंदल स्टील एंड पावर का प्रबंधन करते हैं।

जीरो से बिलियनेयर बनने तक का सफर

जिंदल समूह की सफलता की नींव ओपी जिंदल ने रखी थी, जिनका सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। हिसार के नलवा गांव में जन्मे ओपी जिंदल एक किसान परिवार से थे और केवल छठी कक्षा तक पढ़ाई की थी।

द्वितीय विश्वयुद्ध से मिला व्यापार का आइडिया। दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद असम में अमेरिकी फौजियों का छोड़ा हुआ लोहे और इस्पात का बड़ा माल जमा था। ओपी जिंदल ने यहीं से व्यापार करने का विचार अपनाया।

• 1952 में उन्होंने कोलकाता के पास लिलुआ में जिंदल इंडिया लिमिटेड नामक एक फैक्ट्री लगाई, जहां पाइप बेंड और सॉकेट बनाए जाते थे। वह असम के बाजारों से पुराने पाइप खरीदते और कोलकाता में बेचते थे।

• 1960 में ओपी जिंदल अपने पैतृक जिले हिसार वापस लौटे और सबसे पहले बाल्टी बनाने का काम शुरू किया।

• 1962 में हिसार में जिंदल इंडिया लिमिटेड की फैक्ट्री खोली।

• 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड (जो अब जिंदल स्टेनलेस के नाम से जाना जाता है) की स्थापना की।

ओपी जिंदल ने शून्य से शुरुआत करके इस समूह को इस्पात, बिजली, सीमेंट और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में देश-विदेश में निवेश वाली एक बड़ी शक्ति बना दिया।

सावित्री जिंदल की 15 साल की उम्र में शादी और राजनीति में कदम

सावित्री जिंदल का जन्म 20 मार्च 1950 को असम के तिनसुकिया में हुआ था। उनकी शादी मात्र 15 साल की उम्र में ओपी जिंदल से हुई थी, जो उस समय 35 वर्ष के थे। ओपी जिंदल की यह दूसरी शादी थी और उनकी पहली पत्नी विद्या देवी से उन्हें पहले ही 6 बच्चे थे। सावित्री देवी ने छोटी उम्र में अपने 4 बच्चों के साथ-साथ पति और पहले के 6 बच्चों का भी पालन-पोषण किया।

पति की मृत्यु के बाद उन्होंने न केवल व्यापार को संभाला, बल्कि राजनीति में भी कदम रखा। 2005 में उन्होंने हिसार से उपचुनाव लड़कर राजनीति में प्रवेश किया और लगातार दो बार चुनाव जीतकर हरियाणा कैबिनेट में मंत्री भी बनीं। हालांकि, हालिया लोकसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हुईं, लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर निर्दलीय लड़कर जीतीं।

मां को पिता की भूमिका निभानी पड़ी : सावित्री

एशिया वन मैगजीन को दिए इंटरव्यू में सावित्री जिंदल ने कहा था कि पति के अचानक चले जाने के बाद मां को पिता की भूमिका निभानी पड़ी। उन्होंने ओपी जिंदल की विरासत को प्रेम और एकता के सूत्र में पिरोकर रखा। वह मानती हैं कि प्यार और आपसी विश्वास ही सफलता की कुंजी है, और इसी मंत्र पर चलते हुए उनके सभी बेटे व्यापार और परिवार को सफलतापूर्वक एक साथ चला रहे हैं। उनकी यह यात्रा व्यापार और राजनीति दोनों क्षेत्रों में नेतृत्व और असाधारण दृढ़ता की मिसाल है।


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