यात्रियों के लिए गुड न्यूज: खराब मौसम में हिसार एयरपोर्ट पर मिलेगी फ्लाइट की सुविधा, जानें कैसे?

हिसार एयरपोर्ट पर खराब मौसम में भी मिलेगी फ्लाइट की सुविधा।
Hisar Airport Flights: यात्रियों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है। यात्रियों को अब खराब मौसम में भी फ्लाइट की सुविधा मिलेगी। इसे लेकर सरकार के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट ने तैयारियां शुरु कर दी है। बताया जा रहा है कि इस कड़ी में हिसार एयरपोर्ट प्रशासन ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को लेटर लिखा है। लेटर में प्रशासन की ओर से पुरानी विज़ुअल फ्लाइटस रूल्स (VFR) को इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट रूल्स (IFR) में बदलने की मांग की गई है।
अगर ऐसा हो जाता है, तो पायलट खराब मौसम के दौरान कम दिखाई देने की स्थिति में भी आसानी से उड़ान भर सकते हैं। पहले पायलट पुराने VFR तकनीक में बाहरी संकेतों पर निर्भर होते थे, जिसकी वजह से कम दिखाई देने की स्थिति में पायलटों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। बताया जा रहा है कि पुरानी तकनीक यानी विज़ुअल फ्लाइटस रूल्स केवल अच्छे मौसम में काम करती है। धुंध, आंधी और अंधेरे की स्थिति में पायलट को दिखाई नहीं देता है। लेकिन अब प्रशासन की ओर से समस्या से छुटकारा पाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
नाइट लैंडिंग की मिलेगी सुविधा
हिसार एयरपोर्ट पर DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के ऑपरेशनल डायरेक्टर प्रशांत फुलमरे के मुताबिक नाइट लैंडिंग की सुविधा के लिए अभी वक्त लगेगा। इसे लेकर कागजी कार्रवाई अभी जारी है। जिसके तहत लाइसेंस को VFR से IFR में बदलने के लिए आवेजन किया जाएगा। लाइसेंस को जब IFR में अपग्रेड कर दिया जाता है, तो 1400 मीटर तक की दृश्यता सीमा में उड़ान संभव होगी। मौजूदा समय में VFR परिचालन के लिए कम से कम 5000 मीटर दृश्यता जरुरी है।

अगले सप्ताह लाईसेंस के लिए आवेदन
बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से एयरपोर्ट पर विमान संचालन के लिए अगले सप्ताह तक आवेदन किया जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है कि मार्च में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हिसार एयरपोर्ट को जो लाइसेंस दिया था वो केवल 6 महीने तक वेलिड है।
सरकार को लाईसेंस लेना होगा
बता दें कि इसी साल अप्रैल में हिसार एयरपोर्ट से विमानों का संचालन शुरू हो चुका था, जिसकी समय सीमा अक्टूबर तक है। वहीं विमान कंपनी अलायंस एयर एविएशन 24 अक्टूबर तक ऑनलाइन बुकिंग करेगा। ऐसे में सरकार को लाईसेंस लेना जरूरी है, ताकि विमानों का संचालन बंद ना हो। ऐसे में लाईसेंस लेने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है।
पराली के धुएं से संचालन पर असर
ऐसा माना गया है कि हरियाणा में नवंबर से फरवरी तक विजिब्लिटी कम होती है, क्योंकि नवंबर में पराली जलाते समय धुआं उठता है। वातावरण में नमी के साथ स्मॉग बन जाती है, जिसकी वजह से विजिब्लिटी कम हो जाती है। नवंबर का पूरा महीना स्मॉग का रहती है। वहीं दिसंबर और जनवरी में धुंध और कोहरे का असर देखने को मिलता है, जिसकी वजह से फ्लाइट के संचालन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसा कहा जा रहा है कि इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम नहीं लगा तो एयरपोर्ट से फ्लाइट संचालन पूरी तरह बंद हो जाएगा।
