देशभक्ति की नई मिसाल: 'ऑपरेशन सिंदूर' के हीरो ने हिसार में रुकवाया भारत-पाक मैच का प्रसारण

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सार्जेंट भले सिंह। 

'ऑपरेशन सिंदूर' में अपनी वीरता के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वायुसेना के जांबाज सार्जेंट भले सिंह ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के लाइव प्रसारण को रुकवा दिया।

जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का महामुकाबला होता है, तो पूरा देश मानो थम सा जाता है। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का एक सैलाब बन जाता है, जहां करोड़ों लोग अपनी टीम की जीत के लिए दुआएं करते हैं। लेकिन इसी माहौल के बीच, हरियाणा के हिसार से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसने देशभक्ति की एक नई और सच्ची परिभाषा गढ़ी है। यह कहानी है वायुसेना के जांबाज सार्जेंट भले सिंह की, जिन्होंने सिर्फ एक फोन कॉल पर एक सिनेमा हॉल में होने वाले भारत-पाक मैच के लाइव प्रसारण को रुकवा दिया।

वायुसेना के योद्धा हैं भले सिंह

मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले भले सिंह का परिवार पिछले 35 वर्षों से हरियाणा के हिसार जिले के रावलवास खुर्द गांव में रहता है। भले सिंह भारतीय वायुसेना के एक बहादुर योद्धा हैं, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में हिस्सा लिया है। वह विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं। इस ऑपरेशन के दौरान, वह वायुसेना की S-400 यूनिट में लॉन्चर प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनकी असाधारण वीरता और अदम्य साहस के लिए उन्हें राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार 'मेंशन इन डिस्पैच' से भी सम्मानित किया गया था, जो उनकी देश सेवा और समर्पण का प्रमाण है।

एक फोन कॉल जिसने दिल जीत लिया

जब भले सिंह को पता चला कि हिसार का सनसिटी सिनेमा हॉल भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच का लाइव प्रसारण करने जा रहा है, तो उनका दिल भर आया। एक तरफ देश के जवान सीमा पर अपनी जान जोखिम में डालकर देश की रक्षा करते हैं, और दूसरी तरफ दुश्मन देश के साथ एक खेल को लेकर देश में जश्न का माहौल है। भले सिंह ने तुरंत सिनेमा हॉल के मैनेजर को फोन किया। उनकी बातचीत का एक ऑडियो भी सामने आया है, जो बताता है कि कैसे एक सैनिक की भावनाएं देश के सम्मान से जुड़ी होती हैं।

भले सिंह ने बहुत ही सम्मानजनक तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने मैनेजर से कहा, "सर, दो मिनट मेरी बात सुनोगे आप? मैं ऑपरेशन सिंदूर में रहा हूं और मैं राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार विजेता हूं।" उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, "सर मेरे साथ का बंदा है जो शहीद हुआ था, उनके घरवालों के फोन आए थे मेरे पास।" उन्होंने मैनेजर को अपना नाम गूगल करके देखने को भी कहा, ताकि उनकी बात में कोई संदेह न रहे। उन्होंने आगे कहा, "मैं S-400 की यूनिट में था जिसने 6 जहाज मारे थे। मेरे को राष्ट्रपति के द्वारा वीरता पुरस्कार मिला है।"

मैं हर्ट हुआ हूं, सर...

भले सिंह ने अपनी भावनाओं को मैनेजर के सामने व्यक्त करते हुए कहा कि जब उन्होंने सनसिटी सिनेमा की मैच वाली पोस्ट देखी, तो उन्हें बहुत बुरा लगा। उन्होंने कहा, "वो कहते हैं ना, 'फीलिंग हर्ट होना'। मैं हर्ट हुआ हूं, सर।" उनके इस भावनात्मक आग्रह ने मैनेजर के दिल को छू लिया। मैनेजर करण ने तुरंत भले सिंह की बात को स्वीकार करते हुए उनसे वादा किया कि वे किसी भी कीमत पर मैच का प्रसारण नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "सर, हमें आप पर गर्व है... हम जो भी हैं आप लोगों की वजह से ही हैं। मैं प्रसारण नहीं करवाऊंगा।" यह बातचीत सिर्फ एक फोन कॉल नहीं, बल्कि देशभक्ति और सम्मान की एक मिसाल बन गई।

'ऑपरेशन सिंदूर' में भले सिंह का अदम्य साहस

भले सिंह की बहादुरी की कहानी सिर्फ मैच के विरोध तक सीमित नहीं है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान उनकी भूमिका अविश्वसनीय थी। भले सिंह बताते हैं कि 10 मई की रात, एक लॉन्चर लगातार मिसाइल फायरिंग के कारण खराब हो गया था। उस समय हालात इतने खतरनाक थे कि इसे मौके पर ही छोड़कर बाद में ले जाने का विकल्प था, लेकिन भले सिंह ने ऐसा नहीं किया।

उन्होंने अपने चार सैनिकों की टीम के साथ एक साहसिक फैसला लिया। आसमान से बरसते ड्रोन और मिसाइलों की आग के बीच, उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर लॉन्चर को मौके पर ही ठीक किया। बिना घबराए और शांत मन से, उन्होंने सिस्टम को दुरुस्त किया और उसे सुरक्षित तरीके से नए ठिकाने तक पहुंचाया।

दुश्मन की क्रूज मिसाइल को बनाया निशाना

लॉन्चर को ठीक करने के तुरंत बाद पाकिस्तान की ओर से हमला हुआ। भले सिंह ने बिना एक पल गंवाए, उसी लॉन्चर से दुश्मन की क्रूज मिसाइल को सटीक निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। उनका यह साहस और कुशल नेतृत्व वायुसेना की निर्णायक जीत में एक अहम योगदान साबित हुआ। उनके इस अदम्य साहस के लिए उन्हें वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

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