HAU controversy: कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने HAU के छात्रों को फोन पर दिया समर्थन, 35 आंदोलनकारियों पर केस दर्ज

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने HAU के छात्रों को फोन पर दिया समर्थन, 35 आंदोलनकारियों पर केस दर्ज
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हिसार स्थित कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों के धरने को संबोधित करते वक्ता। 

हरियाणा के हिसार में कृषि विश्वविद्यालय में चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने विवि के कर्मचारियों के बाद अब छात्रों पर भी केस दर्ज कर लिया है। वहीं, विवि प्रशासन ने परीक्षा न देने पर फेल करने की चेतावनी और बातचीत का रास्ता अपनाने की सलाह दी है।

HAU controversy : हरियाणा के हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में छात्रों और प्रशासन के बीच जारी तनाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने छात्रों के समर्थन में हाथ बढ़ाया। उन्होंने आंदोलनरत छात्रों से फोन पर बातचीत कर उन्हें भरोसा दिलाया कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में उठाएगी और हरसंभव मदद करेगी। छात्रों की ओर से कुलपति को हटाने की मांग पर खड़गे ने कहा कि वे जल्द ही रणदीप सुरजेवाला को छात्रों से दोबारा बातचीत के लिए भेजेंगे। आप मुझे आंदोलन और मांगों के प्वाइंट्स बनाकर भेज दें। दूसरी ओर, विवि प्रशासन ने आरोप लगाए कि अब यह धरना छात्रों का न रहकर राजनीतिक हो गया है। इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि आंदोलनरत 15 नामजद व 20 अन्य छात्रों पर भी केस दर्ज किया गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने दी स्टाईपेंड और एलडीवी को लेकर दी सफाई

विश्वविद्यालय की ओर से मीडिया को संबोधित करते हुए डायरेक्टर ऑफ रिसर्च डॉ. राजबीर गर्ग ने स्पष्ट किया कि छात्रों की मांगों पर विचार करते हुए एक कमेटी बनाई गई थी, जिसने सभी पहलुओं पर रिपोर्ट दी। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए दो अहम बदलाव किए गए थे। पहला, एमएससी और पीएचडी छात्रों को दिए जाने वाले मेरिट स्टाईपेंड में कटौती की गई, क्योंकि विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति इसकी इजाजत नहीं देती। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में यह बजट लगभग 75 लाख रुपये था, जो अब बढ़कर 9 करोड़ रुपये हो चुका है। चूंकि यह छात्रवृत्ति सभी छात्रों को दी जाती है, इसमें प्रतिस्पर्धा नहीं रह जाती। दूसरा, एलडीवी यानी लेंड डोनेशन विलेज योजना में प्रावधान किया गया है कि यदि छात्र बीएससी में इस योजना का लाभ ले चुका है तो उसे एमएससी या पीएचडी में पुनः इसका लाभ नहीं मिलेगा ताकि अन्य पात्र छात्रों को मौका मिल सके।

10 जून को हुई दो बड़ी घटनाएं, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि 10 जून को दो अप्रिय घटनाएं सामने आईं। पहली, जब कुछ छात्रों ने जबरदस्ती कुलपति कार्यालय में घुसने की कोशिश की। दूसरी घटना रात करीब 10 बजे हुई जब छात्र कुलपति निवास की ओर जाने वाली सड़क पर धरने पर बैठ गए। इससे वहां रहने वाले अधिकारियों और उनके परिवारों की आवाजाही प्रभावित हुई। बाद में जब कुलपति की गाड़ी मौके पर पहुंची तो छात्रों ने उसे रोक लिया और नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। प्रशासन का दावा है कि कुलपति और उनके परिवार की सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी। सुरक्षाकर्मियों और छात्रों के बीच हाथापाई हुई, जिसमें दोनों पक्षों को चोटें आईं। इसके बाद छात्रों ने पथराव किया, CCTV कैमरे तोड़े और गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया।

विश्वविद्यालय का आरोप-आंदोलन अब राजनीतिक हो चुका

प्रशासन का कहना है कि छात्रों की सभी मूलभूत मांगें मान ली गई हैं, इसके बावजूद प्रदर्शन जारी है जो अब राजनीतिक रंग ले चुका है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि छात्रों के कहने पर कुछ परीक्षाएं स्थगित की गई थीं, लेकिन अब 16 जून से 21 जून तक सभी परीक्षाएं सुचारू रूप से आयोजित की जा रही हैं। हालांकि प्रशासन का यह भी दावा है कि कुछ छात्र हॉस्टलों में रह रहे अन्य विद्यार्थियों को धमका रहे हैं और परीक्षा में बैठने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद अधिकांश छात्र परीक्षा दे रहे हैं और माहौल धीरे-धीरे शांत हो रहा है।

जो परीक्षा नहीं देगा, वह फेल होगा

कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज द्वारा गठित कमेटी ने छात्रों से अपील की कि विद्यार्थी बातचीत के लिए आगे आएं, समस्या का समाधान अवश्य होगा। कमेटी ने कहा कि छात्र जहां चाहे, कमेटी उनसे वार्ता को तैयार है। छात्र राजनीतिक एजेंडे को दूर रखते हुए खुले मन से बातचीत करें। कमेटी के चेयरमैन डायरेक्टर ऑफ रिसर्च डॉ. राजबीर गर्ग और डीन पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज व डीन एग्रीकल्चर डॉ. एसके पाहुजा ने बताया कि विद्यार्थियों की तरफ से मांगपत्र आया था। उसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ने छात्रों से मीटिंग की और छात्र मान कर चले गए, लेकिन बाहर जाते ही मुकर गए। बात करने आए प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि धरने पर बैठे छात्र नहीं मान रहे। उन्होंने कहा कि जो छात्र परीक्षा नहीं देगा, वह फेल होगा, इसमें कोई दो राय नहीं। इस अवसर पर स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. केडी शर्मा भी मौजूद रहे। बता दें कि 16 जून को परीक्षा के पहले दिन 350 में से करीब 50 विद्यार्थियों ने ही परीक्षा दी थी।

10 जून को छात्रों पर लाठीचार्ज से शुरू हुआ था विवाद

एचएयू में 10 जून को छात्र स्टाईपेंड में कटौती आदि मुद्दों को लेकर वीसी कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे थे। यहां सुरक्षा कर्मियों ने बहस के बाद उन्हें दौड़ा दिया। वहीं, रात को वीसी का कार का घेराव करते हुए सुरक्षा कर्मचारियों व अधिकारियों ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कई छात्रों के सिर फूट गए। छात्रों ने आरोपी अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी की मांग की। अब छात्र वीसी को भी पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर छात्र परीक्षाओं का बहिष्कार कर धरने पर बैठे हैं। धरने को विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है।

राज्यपाल से मिले दिग्विजय चौटाला, वीसी को हटाने की मांग

HAU विवाद में जननायक जनता पार्टी (JJP) के युवा अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की और उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। दिग्विजय ने उनसे मांग की कि वीसी को पद से हटाकर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि उन्होंने छात्र प्रतिनिधियों संग राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें विश्वास है कि राज्यपाल इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे।

15 नामजद व 20 अन्य छात्रों के खिलाफ केस दर्ज

हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने कहा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे छात्र आंदोलन के संदर्भ में एक और एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें करीब 15 छात्र नामजद तथा 20 से अधिक अन्य शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले छात्रों की शिकायत पर यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी इंचार्ज सुखबीर सिंह, प्रोफेसर राधेश्याम, रजिस्ट्रार पवन कुमार, सुमन, नरेंद्र, जगमेश पूनिया, अनूप और बिजेंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था।

सुरक्षा कर्मचारियों की पुलिस जैसी वर्दी को बदलने का एसपी ने दिया आदेश

एसपी ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा हूबहू पुलिस जैसी वर्दी पहनने से जुड़े मामले पर भी संज्ञान लिया गया है। इस संदर्भ में विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस भेजा गया है। नोटिस में सिक्योरिटी गार्डों की वर्दी का रंग बदलने की बात कही गई है। यहां उल्लेखनीय है कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सिक्योरिटी गार्ड की ड्रेस बिल्कुल पुलिस जैसी है। जैसे पुलिस बेल्ट और टोपी लगती है वैसे ही वहां के सिक्योरिटी गार्ड भी बेल्ट टोपी लगाते हैं और खाकी वर्दी पहनते हैं।

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