HAU Student protest: एचएयू के चारों गेट बंद करने का आंदोलन छात्रों ने किया स्थगित, अब 1 जुलाई तक मांगें पूरी करने का दिया समय

एचएयू के चारों गेट बंद करने का आंदोलन छात्रों ने किया स्थगित, अब 1 जुलाई तक मांगें पूरी करने का दिया समय
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हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में धरने पर बैठे छात्र व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि।

हरियाणा के हिसार में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों का आंदोलन अब भी जारी है। छात्र वीसी को 6 माह की छुट्टी भेजने के लिखित आदेश आने का इंतजार कर रहे हैं। आंदोलनकारियों ने 1 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है।

HAU Student protest : हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहा छात्र आंदोलन गुरुवार को 17वें दिन भी जारी रहा। छात्रों ने 27 जून को विश्वविद्यालय के चारों गेटों को बंद करने के आह्वान को फिलहाल स्थगित करते हुए सरकार को मांगें पूरी करने के लिए अल्टीमेटम में अवधि अब 1 जुलाई तक कर दी है। आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि उनका संयम अब अंतिम चरण में है। यदि सरकार ने 1 जुलाई तक सभी मांगों पर स्पष्ट और आधिकारिक कार्रवाई नहीं की तो 2 जुलाई से प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केंद्र और विश्वविद्यालय पूरी तरह ठप कर दिए जाएंगे। छात्रों ने कहा कि प्रशासनिक टालमटोल, अधूरी घोषणाएं और छात्र कल्याण की उपेक्षा के बावजूद छात्र अब भी सरकार पर विश्वास बनाए हुए हैं। छात्रों ने साथ ही चेतावनी दी कि अगर छात्राओं से जबरन हॉस्टल खाली कराया गया तो वे 2 जुलाई का इंतजार नहीं करेंगे।

प्रशासन पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

धरने को संबोधित करते हुए छात्रों ने कहा कि अब तक प्रशासन की ओर से केवल छात्र कल्याण निदेशक डॉ. मदन खीचड़ को लेकर एक नोटिस जारी किया गया है, लेकिन बाकी आदेश अब तक जारी नहीं हुआ। यह छात्रों के साथ विश्वासघात है, क्योंकि पिछली बैठकों और समझौतों में साफ तौर पर कहा गया था कि सभी आदेश जल्द से जल्द सार्वजनिक किए जाएंगे। केवल एक आदेश देकर बाकी सभी मांगों को नजरअंदाज करना प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

छात्राओं को हॉस्टल खाली करने के आदेश

धरने पर बैठी छात्राओं ने विवि प्रशासन पर तंग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन ने तो छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का फरमान जारी कर दिया है। मेस बंद कर दी गई है, जिससे भोजन सुविधा पूरी तरह से खत्म कर दी गई है। यह जानबूझकर छात्राओं पर मानसिक दबाव बनाने और आंदोलन को कुचलने की साजिश प्रतीत होती है। छात्राओं ने बताया कि बुधवार को हॉस्टल वार्डन ने ग्रुप में मैसेज किया कि सारी यूजी सेकंड ईयर व थर्ड ईयर और पीएचडी स्कॉलर जिनकी रिसर्च नहीं या और कुछ नहीं हैं, वे सामान के साथ हॉस्टल से चली जाएं। अब वे हॉस्टल में नहीं रहे सकतीं, क्योंकि उनका सेमेस्टर खत्म हो चुका है। इस पर छात्राओं ने कहा कि जब हमारा एग्जाम नहीं हुआ तो सेमेस्टर कैसे खत्म हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2-3 दिन से हॉस्टलों में पानी भी नहीं आ रहा। ऐसा करके छात्राओं को परेशान किया जा रहा है।

वीसी को 6 माह की छुट्टी पर भेजने पर थी सहमति

बता दें कि 10 जून को स्कॉलरशिप में कटौती वापस लेने की मांग को लेकर छात्र विवि परिसर में आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान कुछ विवि अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कई छात्रों को चोटें आईं। इसके बाद दोनों पक्षों पर एफआईआर दर्ज हुई। इनमें से एक आरोपी अधिकारी की गिरफ्तारी भी हुई। तब से ही छात्र वीसी को हटाने समेत अन्य मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। बुधवार को शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से हुई बातचीत में वीसी को 6 माह की छुट्टी पर भेजने पर सहमति बनी थी। अब छात्र लिखित आदेश मांग रहे हैं।

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