KBC में लखपति बना हरियाणा का लाइनमैन: 25 लाख के सवाल पर कन्फ्यूज, फिर भी 5 लाख पक्के किए

KBC शो के मंच पर अमिताभ बच्चन के साथ मौजूद सोनू और उसकी पत्नी।
हरियाणा के हिसार जिले के उकलाना क्षेत्र के गांव पाबड़ा के रहने वाले एक सामान्य किसान परिवार के बेटे ने टीवी के सबसे मशहूर क्विज शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। असिस्टेंट लाइनमैन के पद पर कार्यरत सोनू सिंह ने हॉट सीट पर बैठकर 5 लाख की इनामी राशि जीती है। यह जीत सिर्फ पैसों तक सीमित नहीं रही; उन्हें पुरस्कार स्वरूप एक शानदार बाइक और सोने के 2 सिक्के भी मिले।
सोनू सिंह की इस अभूतपूर्व कामयाबी पर उनके गृह क्षेत्र पाबड़ा में जश्न का माहौल है। KBC से लखपति बनकर लौटे सोनू का गांव में ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि लगन, आत्मविश्वास और सामान्य ज्ञान में गहरी रुचि किसी भी व्यक्ति को बड़े मंच तक पहुंचा सकती है।
हॉट सीट पर कंपकपी
हॉट सीट पर बैठने का अनुभव बताते हुए सोनू सिंह ने स्वीकार किया कि इतने बड़े मंच पर सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को सामने देखना किसी सपने से कम नहीं था। सोनू सिंह ने कहा हॉट सीट पर बैठने से पहले ही मुझे अमिताभ बच्चन दिखने लगे थे। जब मैं उनके सामने बैठा, तो मेरे हाथ-पांव कांपने लगे और पूरा माहौल सपने जैसा महसूस हो रहा था। एक सामान्य नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए यह अनुभव बेहद रोमांचक और दबावपूर्ण था। सोनू सिंह का यह भी कहना है कि वह 5 लाख से कहीं ज़्यादा यानी 25 लाख की राशि भी जीत सकते थे, लेकिन एक सवाल ने उन्हें बुरी तरह कन्फ्यूज कर दिया।
सोनू सिंह का KBC तक का सफर
असिस्टेंट लाइनमैन सोनू सिंह की KBC तक की यात्रा बेहद संघर्षपूर्ण और दृढ़ संकल्प से भरी रही है। सोनू सिंह एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है। अपनी सीमित शैक्षणिक योग्यता के बावजूद, लगभग 5 वर्ष पूर्व उनका चयन बिजली विभाग में असिस्टेंट लाइनमैन के पद पर हुआ। वर्तमान में वह किरमारा और कुलेरी गांव में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
बचपन से सामान्य ज्ञान में गहरी रुचि
सोनू की कामयाबी का आधार उनका बचपन से ही सामान्य ज्ञान (General Knowledge) और करंट अफेयर्स में रुझान रहा है। उनका कहना है कि जो कुछ भी वह पढ़ते थे, उन्हें लंबे समय तक याद रहता था। उनकी यही सहज रुचि उन्हें भारत के सबसे बड़े क्विज शो तक खींच लाई। सोनू ने बताया कि उन्होंने KBC के लिए पहली बार दो साल पहले आवेदन किया था, लेकिन चयन नहीं हुआ। दोबारा आवेदन करने पर भी उन्हें असफलता हाथ लगी। 30 और 31 सितंबर को दिल्ली में हुए ऑडिशन में भी उन्हें निराशा मिली, जहां 50-60 हजार प्रतिभागियों में से सिर्फ 1500 का चयन होना था।
ऑनलाइन ऑडिशन से मिला निर्णायक मौका
असफलताओं से हार न मानते हुए सोनू ने ऑनलाइन ऑडिशन के माध्यम से फिर प्रयास किया। इस बार KBC टीम की ओर से उन्हें फोन आया और दो सवाल पूछे गए जिनका सही उत्तर देकर उन्होंने चयन की अगली सीढ़ी पार कर ली। इसके बाद उन्हें 11 अक्टूबर को मुंबई बुलाया गया।
दोस्त ने की मुंबई पहुंचने में मदद
सोनू ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर थी, जिसके चलते उनके पास मुंबई जाने के लिए रेल टिकट खरीदने के भी पैसे नहीं थे। उनके एक खास दोस्त ने उनकी रेल टिकट बनवाकर मदद की। मुंबई पहुंचने के बाद उन्हें 'फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट' राउंड में केवल 20 सेकंड में सवाल पढ़ना और उसका जवाब लॉक करना था, जिसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और आखिरकार हॉट सीट पर पहुँचने का मौका मिला।
भ्रमित होने पर गलत उत्तर लॉक किया
सोनू सिंह का एपिसोड 3 और 4 नवंबर को टीवी पर प्रसारित हुआ। पहले दिन उन्होंने 7 सवालों के सही जवाब देकर 1 लाख जीते। दूसरे दिन उम्मीदें 25 लाख तक पहुंचने की थीं, लेकिन एक गलती ने उन्हें 5 लाख पर रोक दिया। सोनू ने बताया कि वह 13वें प्रश्न का जवाब नहीं दे पाए। 25 लाख के लिए पूछे गए इस सवाल का उत्तर उन्हें मालूम था, लेकिन सवाल अंग्रेजी में होने के कारण वह पूरी तरह कन्फ्यूज हो गए। उन्होंने 'ऑडियंस पोल' लाइफलाइन का उपयोग किया, लेकिन भ्रमित होने के कारण गलत उत्तर लॉक कर दिया।
उन्होंने कहा मुझे इतनी इंग्लिश आती नहीं थी। इस कारण मैं गलत जवाब देकर 5 लाख पर आ गया। अगर मैं सही जवाब देता तो 25 लाख रुपए जीत जाता। वह प्रश्न वैज्ञानिकों से संबंधित था।
गांव में जश्न
पांच लाख की राशि, एक बाइक और दो सोने के सिक्के जीतकर जब सोनू सिंह गांव लौटे तो पूरे गांव ने मिलकर उनका भव्य स्वागत किया। ग्रामीणों और परिजनों ने ढोल की थाप पर जश्न मनाया और कहा कि सोनू सिंह ने यह साबित किया है कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है। सोनू सिंह एक संयुक्त परिवार में रहते हैं। उनके पिता रण सिंह किसान हैं और उनकी मां का देहांत हो चुका है। सोनू की पत्नी विनोद घर संभालती हैं, और उनके दो बच्चे सिया और रिहान हैं। उनके बड़े भाई विनोद कुमार भी अपने परिवार के साथ रहते हैं। सोनू सिंह की यह जीत एक सामान्य परिवार की असाधारण उपलब्धि है।
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