बिजनेस आइडिया दो 25 लाख की ग्रांट लो: हिसार की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी दे रही सुनहरा मौका, जानें कब तक होगा आवेदन

पोस्टर का विमोचन करते कुलपति बीआर काम्बोज, अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग व अन्य।
अगर आपके पास कृषि या कृषि से संबंधित क्षेत्र में बिजनेस करने का कोई शानदार आइडिया है तो चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) लाखों की ग्रांट दिला सकता है। विश्वविद्यालय का एग्रीबिजनेस इन्कयूबेशन सेंटर (एबिक) के माध्यम से 25 लाख तक की अनुदान राशि दी जाएगी। यह अनुदान राशि निर्धारित प्रक्रिया के तहत HAU के एबिक सेंटर से दी जाएगी। इच्छुक आवेदक चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.hau.ac.in पर 10 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं।
युवाओं को मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का मौका
HAU के कुलपति बीआर काम्बोज ने कहा कि युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में व्यवसाय स्थापित करने का सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि एबिक सेंटर से प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्राप्त कर युवा नौकरी खोजने के बजाय रोजगार देने वाले बन सकेंगे।
कुलपति ने जोर देकर कहा कि इस सेंटर के माध्यम से तैयार होने वाले स्टार्टअप देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पिछले 6 सालों में 73 स्टार्टअप्स को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लगभग 9 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है, जिससे उनकी उद्यमशीलता को बल मिला है।
तीन प्रमुख प्रोग्रामों के तहत मिलेगी ग्रांट
छात्र कल्याण प्रोग्राम : यह विशेष रूप से छात्रों के लिए बनाया है ताकि वे स्वरोजगार शुरू करके उद्यमी बन सकें। इसमें केवल पढ़ाई कर रहे छात्र ही आवेदन कर सकते हैं। छात्रों को एक महीने का गहन प्रशिक्षण और 4 लाख तक की अनुदान राशि मिलेगी। यह राशि चयनित छात्र को एकमुश्त मिलेगी।
पहल (Pahal) प्रोग्राम : इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवारों को एक महीने का प्रशिक्षण और 5 लाख रुपये तक की अनुदान राशि मिलेगी। यह राशि भी चयनित उम्मीदवार को एकमुश्त दी जाएगी। यह उन व्यक्तियों के लिए है जिनके पास कृषि से जुड़ा शुरुआती बिजनेस आइडिया है।
सफल (Safal) प्रोग्राम : यह सबसे बड़ी अनुदान राशि वाला प्रोग्राम है। इसके तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण और 25 लाख रुपये तक की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। यह बड़ी राशि चयनित उम्मीदवार को दो किश्तों में दी जाएगी। यह उन विचारों के लिए है जिनमें बड़े पैमाने पर विकास की क्षमता है।
आयु और शिक्षा नहीं बनेगी बाधा
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि आवेदकों के लिए आयु और शिक्षा कोई बाध्यता नहीं बनेगी। कोई भी व्यक्ति जिसके पास कृषि संबंधी बिजनेस का बेहतरीन आइडिया है, वह आवेदन कर सकता है।
आवेदक को बिजनेस आइडिया का प्रपोजल HAU की वेबसाइट hau.ac.in पर ऑनलाइन जमा करना होगा। आवेदन मुफ्त है। इसके बाद यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक व इनक्यूबेशन कमेटी की ओर से उस आइडिया का मूल्यांकन किया जाएगा व चयनित आवेदकों को एक महीने के प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा। प्रशिक्षण के बाद भारत सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी आवेदक के आइडिया को प्रस्तुत करवाएगी। यदि आइडिया को मंजूरी मिलती है तो कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय आवेदक को अनुदान राशि स्वीकृत करेगा।
स्वरोजगार और दूसरों को रोजगार का अवसर
कुलपति ने बताया कि भारत सरकार ने महिलाओं को उद्यमी बनाने को प्रोत्साहन देने के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि देने का भी प्रावधान रखा है। यह महिलाओं को कृषि उद्यमिता में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।उन्होंने कहा कि युवा, किसान व अन्य उद्यमी एबिक सेंटर से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन (value addition), सर्विसिंग, पैकेजिंग व ब्रांडिंग क्षेत्रों में व्यापार की संभावनाएं तलाश सकते हैं। तीनों कार्यक्रम आत्मनिर्भर बनाने में मददगार बनेंगे। कुलपति ने गर्व से बताया कि सेंटर से अब तक जुड़े युवा उद्यमी व किसानों ने न केवल अपनी कंपनी का टर्नओवर करोड़ों तक पहुंचाया, बल्कि उन्होंने दूसरे लोगों को भी रोजगार के अवसर दिए हैं, जो देश के आर्थिक विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।
