पाकिस्तान जासूसी केस: हिसार कोर्ट ने यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जमानत खारिज की

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हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की कोर्ट ने जमानत खारिज की।

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में फंसी हरियाणा के हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को कोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। जानें कोर्ट में क्या हुआ।

पाकिस्तान जासूसी केस : पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में जेल में बंद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा से जुड़े मामले में हिसार कोर्ट का अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने उसकी डिफॉल्ट बेल की याचिका को खारिज कर दिया। वहीं, पुलिस द्वारा दी गई तीन एप्लिकेशन में से दो को मंजूर कर लिया गया और एक को आंशिक तौर पर स्वीकार किया गया। इस आदेश के बाद ज्योति को चार्जशीट की अधूरी कॉपी दी जाएगी। वहीं, चार्जशीट की पूरी कॉपी पब्लिश करने पर रोक होगी। हालांकि अदालत ने नियमित मीडिया ब्रीफिंग पर कोई रोक नहीं लगाई है।

10 सितम्बर को व्यक्तिगत पेशी

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चार्जशीट के कुछ हिस्से संवेदनशील हैं और उन्हें सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा। लिहाजा, बचाव पक्ष को पूरी चार्जशीट नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही अदालत ने ज्योति मल्होत्रा को 10 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के आदेश दिए। उनकी पिछली पेशी 25 अगस्त को हुई थी। ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अदालत के निर्णय का सम्मान करते हैं लेकिन इससे संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही आदेशों की प्रतियां मिलेंगी, वे इसके खिलाफ रिविजन याचिका दाखिल करेंगे।

पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर तीन मांग की

25 अगस्त को ज्योति मल्होत्रा को चार्जशीट सौंपने की प्रक्रिया के दौरान विवाद शुरू हुआ था। उसी दिन पुलिस ने कोर्ट में तीन एप्लिकेशन दायर की थीं, जिसमें कहा गया था कि चार्जशीट की पूरी कॉपी बचाव पक्ष को न दी जाए। पुलिस का तर्क था कि रिपोर्ट का कुछ हिस्सा बेहद संवेदनशील है और इसके लीक होने से राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। पुलिस ने कहा कि पंचकूला स्थित फॉरेंसिक लैब का डेटा गोपनीय है और इसे साझा नहीं किया जा सकता। इसके अलावा ज्योति की कथित बातचीत पाकिस्तानी एजेंटों से हुई थी, जिसे सार्वजनिक करने से जांच पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। पुलिस ने यहां तक मांग की थी कि पूरे मामले में मीडिया ब्रीफिंग पर भी रोक लगाई जाए। हालांकि अदालत ने इस मांग को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया।

ज्योति की 15 मई को हुई थी गिरफ्तारी

ज्योति मल्होत्रा को हिसार पुलिस ने 15 मई 2025 को गिरफ्तार किया था। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के साथ-साथ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत गंभीर आरोप हैं। इन धाराओं के अंतर्गत उस पर पाकिस्तानी जासूसी करने, गोपनीय सूचनाएं साझा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है।

पाक व चीन की यात्रा से बढ़ा था संदेह

ज्योति मल्होत्रा ट्रैवल कंटेंट क्रिएटर है और यूट्यूब पर सक्रिय थीं। लेकिन उनकी लगातार विदेश यात्राओं ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया था। आरोप है कि वह 2024 में दो महीने के भीतर पहले पाकिस्तान और फिर चीन गई। 17 अप्रैल 2024 से 15 मई तक वह पाकिस्तान में रही। वहां उसने करतारपुर कॉरिडोर से प्रवेश किया और पाक के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री तथा पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज से मुलाकात की। इस दौरान उनका इंटरव्यू भी अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किया। भारत लौटने के 25 दिन बाद ही ज्योति 10 जून को चीन गईं और लगभग एक महीने तक वहीं रही। 9 जुलाई को उन्होंने चीन छोड़ा और नेपाल के काठमांडू पहुंची।

ज्योति के वकील का पक्ष

ज्योति के वकील कुमार मुकेश का कहना है कि पुलिस चार्जशीट के बहाने तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है। उनका तर्क है कि बिना पूरी चार्जशीट दिए बचाव पक्ष को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिल पाएगा। उन्होंने पुलिस की एप्लिकेशन को अवैध और प्रावधानों के विपरीत बताया है। अब 10 सितंबर को ज्योति मल्होत्रा को कोर्ट में पेश होना है। वहीं जांच एजेंसियां भी अदालत को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगी। इस केस पर पूरे प्रदेश की नजर है क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है और इसमें सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की भूमिका सामने आई है।

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