हरियाणा में शीतलहर: 7 शहरों में रिकॉर्ड ठंड, 18 नवंबर तक गिरेगा पारा, बहादुरगढ़-रोहतक की हवा सबसे जहरीली

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तापमान गिरने के साथ ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। पराली जलाने और नमी बढ़ने के कारण बहादुरगढ़ और रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया है, जो देश में सबसे ज्यादा है।

हरियाणा में मौसम ने अचानक करवट बदली है, जहां तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले एक सप्ताह से राज्य के कम से कम सात शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है, जो सर्दी की जल्द शुरुआत का संकेत है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट आगामी कुछ दिनों तक जारी रहेगी, जिससे ठंड और बढ़ सकती है।

तापमान में लगातार गिरावट

मौसम विशेषज्ञ मदन लाल खीचड़ के मुताबिक हरियाणा में तापमान में गिरावट का यह सिलसिला 18 नवंबर तक जारी रहने की संभावना है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. खीचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम इस दौरान आमतौर पर खुश्क रहेगा। इस अवधि में, उत्तर और उत्तर-पश्चिमी हवाएं हल्की से मध्यम गति से चलने की संभावना है, जिससे सुबह और शाम के समय ठंड बनी रहेगी। दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन रात के तापमान में हल्की गिरावट जारी रहेगी। इस दौरान अधिकतम तापमान 25 से 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 से 10 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहने की संभावना है। सुबह के समय कई शहरों में हल्की धुंध भी देखी गई है।

बहादुरगढ़ और रोहतक का AQI सबसे ज्यादा खराब

तापमान में गिरावट के साथ ही हरियाणा में वायु प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक रूप से बढ़ गया है। हवा में नमी बढ़ने और पराली जलाने की घटनाओं के कारण, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई शहरों में 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है। सबसे चिंताजनक स्थिति बहादुरगढ़ और रोहतक में दर्ज की गई है, जहां AQI 400 के पार पहुंच गया है। यह आंकड़ा इन शहरों की हवा को देश में सबसे प्रदूषित श्रेणी में डालता है। इससे पहले, जींद में भी AQI 418 दर्ज किया गया था। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इन शहरों में 5वीं तक के स्कूल बंद करने पर विचार करना शुरू कर दिया है। जींद में यह फैसला पहले ही लिया जा चुका है।

पराली जलाने पर अधिकारी निलंबित

बढ़ते प्रदूषण के लिए पराली जलाना एक प्रमुख कारण है, और सरकार ने अब इस पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के कारण, सरकार के आदेश पर हिसार जिले में तुरंत कार्रवाई की गई है। हिसार में हांसी के एसडीओ और अग्रोहा व बरवाला खंड के कृषि अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, 45 अन्य कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।


हिसार में पराली जलाने के 22 मामले दर्ज किए जा चुके

हिसार के कृषि उपनिदेशक राजवीर सिंह ने बताया कि जिले में अब तक पराली जलाने के 22 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। प्रशासन लगातार किसानों से अपील कर रहा है कि वे पराली न जलाएं और इसके वैकल्पिक प्रबंधन उपायों का पालन करें। यह कदम न केवल प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक है, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य जोखिमों को भी कम करने में मदद करेगा, जो इतनी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का यह स्तर खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक साबित हो सकता है।


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