देवेंद्र बूड़िया रेप केस: बिश्नोई महासभा के पूर्व प्रधान बूड़िया को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा

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बिश्नोई महासभा के पूर्व प्रधान देवेंद्र बूड़िया पुलिस हिरासत में। 

बिश्नोई महासभा के पूर्व प्रधान देवेंद्र बूड़िया को रेप केस में पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस बूड़िया को जयपुर ले जाकर मोबाइल फोन बरामद करेगी।

देवेंद्र बूड़िया रेप केस : हिसार जिले के बहुचर्चित यौन शोषण मामले में अहम मोड़ आया है। आदमपुर की एक युवती से दुराचार के आरोप में फंसे अखिल भारतीय बिश्नोई सभा के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया का पुलिस ने कोर्ट से दो दिन का रिमांड लिया है। पुलिस अब बूड़िया को जयपुर ले जाकर मोबाइल फोन बरामद करने का प्रयास करेगी।

पहले होटल ले जाने के लिए मांगा रिमांड

बूड़िया को जेएमआईसी आयुष की अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने जांच के लिए पहले उसे चंडीगढ़ के होटल ले जाने के लिए रिमांड मांगा था। कोर्ट ने इस अनुरोध को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने जयपुर से इलेक्ट्रॉनिक सबूतों, खासकर मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए रिमांड की मांग रखी। हालांकि, शुरू में अदालत ने इस मांग पर भी आपत्ति जताई, लेकिन जब मामला एडीजे सुनील जिंदल की अदालत में पहुंचा, तो वहां करीब 15 से 20 मिनट की सुनवाई के बाद पुलिस की दलीलों को स्वीकार करते हुए दो दिन का रिमांड मंजूर कर दिया गया।

पीड़िता को विदेश भेजने का दिया था झांसा

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह विदेश जाना चाहती थी, जिसके चलते उसके पिता ने 2023 में देवेंद्र बूड़िया से संपर्क किया। आरोप है कि इसी बहाने बूड़िया ने उसे चंडीगढ़ के एक नामी होटल में बुलाया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, आरोपी ने पीड़िता की अश्लील वीडियो भी बना ली और किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। जून 2024 में आरोपी ने पीड़िता को फिर से जयपुर के सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित एक फ्लैट में बुलाया, जहां दोबारा यौन शोषण की घटना घटी।

गिरफ्तार करने में पुलिस को लगा लंबा समय

इस मामले में 24 जनवरी 2025 को आदमपुर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन आरोपी देवेंद्र बूड़िया लंबे समय तक फरार रहा। आखिरकार, 29 जून को हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच ने उसे जोधपुर से दबोच लिया। पुलिस ने 30 जून को उसे कोर्ट में पेश किया, लेकिन उस समय कोई रिमांड नहीं मांगा गया था। जानकारी के अनुसार, उस दिन बूड़िया की तबीयत खराब हो गई थी, जिसके चलते रिमांड प्रक्रिया टल गई थी।

30 जुलाई को कोर्ट में करना होगा पेश

पुलिस अब जयपुर ले जाकर उस मोबाइल फोन की बरामदगी करेगी, जो केस में अहम इलेक्ट्रॉनिक सबूत माना जा रहा है। अनुमान है कि इसी डिवाइस में पीड़िता की वीडियो क्लिपिंग और अन्य संवेदनशील डेटा हो सकता है, जो जांच की दिशा तय कर सकता है। देवेंद्र बूड़िया को 30 जुलाई को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां रिमांड अवधि पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय होगा। पुलिस इस मामले में साक्ष्यों को मजबूत करने की कोशिश कर रही है ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और आरोपी को कानून के दायरे में लाया जा सके।

भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई से है विवाद

देवेंद्र बूड़िया और भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के बीच लंबे समय से बिश्नोई महासभा में अधिकारों को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा चुके हैं। अब हालांकि दोनों ही बिश्नोई महासभा के पद छोड़ चुके हैं और नए सिरे से कमेटी का चुनाव होना है।

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