HAU Hisar students protest: एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी प्रशासन झुका, लाठीचार्ज को गलती माना, छात्रों के समर्थन में कई विधायक आए

एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी प्रशासन झुका, लाठीचार्ज को गलती माना, छात्रों के समर्थन में कई विधायक आए
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हिसार में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में धरना दे रहे छात्रों से मिलने आए नलवा से विधायक रणधीर पनिहार।

हिसार की हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप नीति के खिलाफ छात्रों का विरोध तेज हो गया है। लाठीचार्ज के खिलाफ धरने को अब राजनीतिक समर्थन भी मिलने लगा है। विवि प्रशासन ने भी लाठीचार्ज को गलती मानते हुए बातचीत का न्योता दिया है।

HAU Hisar students protest : हरियाणा के हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में छात्रवृत्ति नीति में बदलाव और छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में धरना और विरोध-प्रदर्शन लगातार तेज होता जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल चुके छात्रों को अब विपक्षी दलों, विधायकों और छात्र संगठनों का खुला समर्थन मिल रहा है। मामला बिगड़ता देखकर अब विवि प्रशासन भी बैकफुट पर आ गया है। अधिकारियों ने वीडियो जारी कर घटना की निंदा की और बैठक करके विवाद सुलझाने की अपील की। हालांकि छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

छात्र संगठनों और विधायकों ने दिया समर्थन

विश्वविद्यालय परिसर में धरना दे रहे छात्रों से उकलाना विधायक नरेश सेलवाल और विधायक चंद्र प्रकाश मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने छात्रों की मांगों को जायज बताते हुए उन्हें विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही इनेलो से जुड़े छात्र संगठन ISO के राष्ट्रीय अध्यक्ष और रानियां से विधायक अर्जुन चौटाला ने भी छात्रों का समर्थन किया। लाठीचार्ज में घायल हुए छात्रों में से दीपांशु और चक्षू फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। अन्य घायलों को छुट्टी दे दी गई है। घायल छात्रों से मिलने के लिए नलवा से बीजेपी विधायक रणधीर पनिहार भी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने सरकार को रिपोर्ट देने का आश्वासन दिया। वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने छात्रों से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत कर हाल जाना।

विवि के अधिष्ठाता ने की घटना की निंदा, बातचीत के लिए बुलाया

छात्रों के बढ़ते विरोध के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने रुख नरम किया है। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने एक वीडियो संदेश जारी कर छात्रों से संवाद की अपील की है। उन्होंने कहा कि हम छात्रों को अपने बच्चे मानते हैं, जो भी गलत हुआ उसकी हम निंदा करते हैं। लेकिन बिना बातचीत के समाधान नहीं निकल सकता। डॉ. पाहुजा ने बताया कि घायल छात्रों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की जा रही है और विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की मांगों को लेकर गंभीर है। उन्होंने छात्र प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे यूनिवर्सिटी के साथ बातचीत के लिए आगे आएं ताकि मिलकर समाधान निकाला जा सके।

विवि प्रशासन ने आरोपियों पर कार्रवाई के लिए मांगा था 15 दिन का समय

मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल लाइन थाना पुलिस ने छात्रों की शिकायत पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पवन कुमार, सिक्योरिटी इंचार्ज सुखबीर सिंह, प्रोफेसर राधेश्याम सहित आठ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। छात्रों का आरोप है कि घटना के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, बल्कि दबाव बनाकर केस वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सबकुछ विवि प्रशासन के सामने हुआ है और अब कार्रवाई के लिए 15 दिन का समय मांगा जा रहा है। यह मामला दबाने की साजिश है। छात्रों ने आरोपियों की बर्खास्तगी और स्कॉलरशिप को पुन: बहाल करने की मांग की।

ऐसे शुरू हुआ था विवाद

यह पूरा मामला मंगलवार को उस समय शुरू हुआ जब छात्र अपनी मांगों को लेकर वाइस चांसलर को ज्ञापन सौंपने पहुंचे। गेट पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोका और कथित रूप से अभद्रता करते हुए मारपीट की। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसी के बाद रात को छात्रों ने VC आवास के बाहर धरना दिया, जहां एक बार फिर उन पर लाठीचार्ज किया गया।

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