पंचगांव टोल होगा शिफ्ट: राव बोले, यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील क्षेत्र, दूसरे विकल्प तलाशें

Rao Inderjeet
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 केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह। 

राव ने कहा कि पंचगांव व सहरावन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील क्षेत्र है, अधिकारी टोल शिफ्ट करते समय कनेक्टिविटी व ग्रामीणों की सुविधाओं का भी ध्यान रखें।

हरियाणा में गुरुग्राम के पंचगांव चौक पर बनने वाला टोल प्लाजा दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शुक्रवार को गुरुग्राम के पंचगाव में टोल प्लाजा और मानेसर में फ्लाईओवर निर्माण पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने की समीक्षा बैठक में एनएचएआई और जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्धारित अवधि में समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सहरावन और पंचगांव के बीच चिन्हित स्थान राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील क्षेत्र है। अधिकारी टोल को शिफ्ट करते समय कनेक्टिविटी और ग्रामीणों की सुविधाओं को अनदेखा न करें। इस दौरान उन्होंने टोल प्लाजा के लिए चिह्नित स्थल का नक्शा भी देखा।

अधिकारी जल्द प्रस्तुत करें खाका

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि पंचगांव के पास टोल प्लाजा को शिफ्ट करने की प्रक्रिया में स्थानीय ग्रामीणों के सुगम आवागमन और प्रमुख मार्गों पर उनकी सीधी कनेक्टिविटी का विशेष ध्यान रखें। क्षेत्र की संवेदनशीलता को लेकर प्रशासन द्वारा उठाए गए सवालों को गंभीरता से लेते हुए एनएचएआई उनके निवारण या वैकल्पिक स्थान की दिशा में आगे बढ़े। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि इस विषय में विस्तृत खाका तैयार कर जल्द ही उनके कार्यालय में प्रस्तुत करें ताकि केंद्रीय स्तर पर समन्वय बैठक आयोजित की जा सके।

मानेसर में फ्लाईओवर निर्माण से पहले वैकल्पिक व्यवस्था जरूरी

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मानेसर में प्रस्तावित एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण से पूर्व जिला प्रशासन और एनएचएआई वाहनों के सुगम आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने सुझाव दिया कि गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग (352डी) का निर्माण पूरा होने के बाद ही फ्लाईओवर निर्माण शुरू किया जाए। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर यातायात दबाव कम होगा और जनता को असुविधा भी नहीं होगी।

विकास मतलब ढांचा नहीं, उद्देश्य की पूर्ति आवश्यक

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि किसी भी विकास योजना का उद्देश्य तभी सार्थक माना जाएगा, जब उसका सीधा लाभ स्थानीय नागरिकों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि योजनाएं केवल निर्माण या ढांचे तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उनमें लोगों की सुविधा और क्षेत्र की सुरक्षा का समुचित समावेश होना आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी परियोजना पर निर्णय लेने से पहले ग्रामीणों की आवश्यकताओं, यातायात की सहजता और भविष्य में क्षेत्र के औद्योगिक विस्तार पर उसके प्रभाव का संतुलित मूल्यांकन किया जाए।

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