जेल से आरोपी का वीडियो वायरल: डीजीपी बोले, 'हरियाणा में ऐसी गतिविधियों के लिए जगह नहीं'

डीजीपी ओपी सिंह व डीजी जेल आलोक राय।
हरियाणा में जेल में बंद एक आरोपी के वायरल वीडियो के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने एक ट्वीट ने जेलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों को सख्त संदेश दिया है। डीजीपी ने अपने ट्विट में साफ किया है कि हरियाणा में अब इस तरह की गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि मैने डीजी जेल व एसपी से बात कर स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया पर ड्रामा और दिखावा हुआ, तो जिम्मेदार कर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। डीजी ने साफ किया है कि उन्हें एक व्हाटस ऐप मेसेज मिला। वीडियो में जेल में बंद एक जेल में सड़ रहे एक चिरकुट व्यक्ति का था। सफेद कपड़े में हथकड़ी लगाए। हरियाणा दिवस पर उन्हीं लोगों को बधाई संदेश दे रहा था जिसको लूटने-कूटने-मारने के जुर्म में काल कोठरी में बंद है।
डीजी और एसपी से की बात
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि मेरी बात डीजी जेल और ज़िले के एसपी से हुई साथ ही साफ कर दिया कि इस तरह की घटनाओं पर गंभीरता के साथ में एक्शन लें। पता चला कि इस जेलबंद ने पाँच हज़ार महीने पर एक माइक्रो-इन्फ़्लुएंसर रखा हुआ है। वो सालो भर अवसर के हिसाब से इसकी मॉर्फ्ड वीडियो पोस्ट करता है। डीजीपी ने आगे कहा है कि मुख्यधारा में एडजस्ट नहीं हो पा रहे लड़कों का लगता है इसकी बड़ी शान है। जबकि असल के जेल में एड़ियां रगड़ रहा है। जेल वालों ने बताया है कि इससे टॉयलेट क्लीनिंग का काम भी लिया जा रहा है।
एसपी और डीजी को कहा इसकी दुकान बंद कर दो
मैंने एसपी और डीजी को साफ कर दिया है कि इसकी दुकान बंद करो। इस माइक्रो-इन्फ़्लुएंसर्स को कहो कि अब वो सही पिक्चर दिखाए - गीदड़ की तरह इधर-उधर भागते, एक दिन कुत्ते की मौत मर जाते कायर जो सोशल मीडिया पर झूठी पोस्ट डाल बेवकूफ लड़कों और बड़ा बेवकूफ बनाते हैं। हम इस काम के लिए इसे मेहनताना भी देंगे।
हमलावरों को करारा जवाब देने के निर्देश
डीजीपी बोले मैंने सारे एसपी, डीसीपी और सीपी को ऐसा ही करने बोला है। लोगों को सच जानने का अधिकार है। प्रजातंत्र में कानून को राज चलता है। अपना कमाओ-खाओ की व्यवस्था है। ‘राम-राम जपना, पराया माल अपना’ का सपना पालने वाले के हिस्से थाना, मुकदमा, पुलिस, वकील, जेल, लात-जूते ही आते हैं। इनका चेहरा इनका दुश्मन होता है। पुलिस की तो छोड़िये, ख़िलाफ़ चल अपराधियों के डर से भी इनकी हवाइयाँ उड़ती रहती है। हमने अपनी फोर्स को कहा है कि जो हमलावर है, उसको करारा जवाब दो। जो वापसी करना चाहता है, उसे जेल के रास्ते पुनर्वास का अवसर दो।
रीइंप्लायमेंट डीजी जेल कर रहे सुधार के दावे
नायब सिंह सैनी सरकार ने रिटायरमेंट के बाद डीजी जेल आलोक राय को 90 दिन की एक्सटेंशन दी थी। रिटायरमेंट के बाद रीइंप्लायमेंट से नियुक्ति पर जेल डीजी का कार्यभार संभाल रहे आलोक राय लगातार प्रदेश की जेलों में सुधार के दावे कर रहे हैं। जिसकी जेल में बंद आरोपी की वायरल वीडियो ने पोल खोल दी। ऐसा नहीं है कि यह भी पहली बार हुआ है कि एक सेवानिवृत्त अधिकारी को अहम डीजी जेल के पद पर पुनः रोजगार के तहत रखा गया है। इससे पहले भी कई अधिकारियों को ऐसे मौके मिलते रहे हैं।
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