हरियाणा के मां-बेटे का कमाल: नेशनल प्रतियोगिता में जीते 6 गोल्ड मेडल, क्या है सफलता का राज?

Mother and son from Haryana won 6 gold medals in powerlifting
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हरियाणा के मां-बेटे ने पावरलिफ्टिंग में जीते 6 गोल्ड मेडल।

Success Story: हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले मां-बेटे ने पावरलिफ्टिंग में शानदार प्रदर्शन करते हुए खूब नाम कमाया। लेकिन उनका ये सफर इतना आसान नहीं रहा। आइए जानते हैं मां-बेटे के कामयाबी की कहानी...

Success Story: वैसे तो अक्सर हरियाणा के खिलाड़ी नेशनल खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हैं। इसी बीच हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले मां-बेटे ने आज की जनरेशन के लिए बड़ी मिसाल पेश की है। मां ने अपने बेटे को जिम ज्वाइन करवाया था, जिससे वो बाहर के खराब माहौल से बाहर रहे। बाद में मां की सेहत बिगड़ने लगी, तो उन्होंने खुद भी अपने बेटे के साथ जिम ज्वाइन कर लिया। दोनों मां बेटे ने साल भर जिम में खूब मेहनत की पसीना बहाया और उसके बाद इतिहास रच दिया। जहां एक ओर किसी शख्स के लिए नेशनल लेवल पर एक मेडल जीतना मुश्किल होता है, वहीं इन मां-बेटे ने मिलकर नेशनल पावरलिफ्टिंग में एक साथ कुल 6 गोल्ड मेडल जीते। उन्होंने 3 अलग-अलग कैटेगरी में 6 गोल्ड मेडल अपने नाम किए।

दरअसल, यह कहानी हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली ज्योति की, जो कि संस्कृति मॉडल स्कूल में प्राइमरी टीचर हैं। ज्योति का उनके पति के साथ अच्छे रिश्ते नहीं थे, जिसके कारण उन्होंने अपने बेटे को अपना पूरा परिवार मान लिया है।

मां-बेटे ने कैसे किया कमाल?

सोनीपत के सेक्टर-23 में रहने वाली ज्योति स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद घर का भी काम करती हैं। इसके बावजूद उन्होंने अपने 16 वर्षीय बेटे मौलिक के लिए समय निकाला। उन्होंने मौलिक को बाहर के बिगड़ते माहौल से बचाने के लिए जिम ज्वाइन करवा दिया। इसके बाद कुछ ही दिनों के अंदर ज्योति की भी तबीयत बिगड़ने लगी, तो उन्होंने अपने बेटे के साथ खुद भी जिम ज्वाइन कर लिया। दोनों मां-बेटे ने जिम में लगातार मेहनत की और पावरलिफ्टिंग की तैयारी शुरू कर दी।

इस साल गुजरात के मेहसाणा में पावरलिफ्टिंग 2025 नेशनल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें ज्योति और उसके बेटे ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में ज्योति और मौलिक ने मैक्स कैटेगरी में 63 किलो, डेडलिफ्ट में 70 किलो, स्क्वाट में 75 किलो और बेंच प्रेस में 30 किलो वजन उठाकर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 3 अलग-अलग कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया।

एक महीने के बाद प्रतियोगिता में लिया हिस्सा

टीचर ज्योति ने बताया कि वह स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ ही घर का काम करती थी, जिसमें से वह रोजाना 2 घंटे का समय बचाकर मेहनत करती थीं। उन्होंने बताया कि उन दोनों से सिर्फ दोनों ने सिर्फ एक महीने की पावरलिफ्टिंग ट्रेनिंग लेकर चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।

मौलिक ने बताया कामयाबी का राज

ज्योति के बेटे मौलिक बताया कि उसने पहली बार नेशनल पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। वह अभी कक्षा 11वीं में पढ़ता है। मौलिक ने 63 किलोग्राम वेट कैटेगरी की तीन अलग-अलग इवेंट्स में गोल्ड मेडल जीतकर अपने परिवार का नाम रोशन किया। मौलिक ने अपनी कामयाबी का राज बताते हुए कहा कि अपने माता-पिता के साथ फ्रेंड्स की तरह रहो, सेहत भी ठीक रहेगी और कामयाबी भी मिलेगी। मौलिक ने बताया कि वह सोशल मीडिया से दूरी के साथ ही नशे को भी खुद से दूर रखना होगा। टीचर ज्योति और मौलिक ने यह कारनामा करते हुए नई जनरेशन के माता-पिता और बच्चों के लिए मिसाल पेश की है।

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