Labor Work Slip Scam: वर्क स्लिप घोटाला मामले में अनिल विज का एक्शन, 3 लेबर इंस्पेक्टर किए सस्पेंड

Transport Minister Anil Vij
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परिवहन मंत्री अनिल विज ने 3 लेबर इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया।  

Labor Work Slip Scam: फर्जी वर्क स्लिप घोटाला मामले में अनिल विज ने 3 अधिकारियों को सस्पेंड करने किया है। 3 महीने की जांच के बाद कार्रवाई की गई है।

Labor Work Slip Scam: हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज श्रम विभाग में वर्क स्लिप घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। वर्क स्लिप घोटाले मामले में 3 महीने की जांच के बाद हिसार समेत 6 जिलों में बड़ी समस्याएं सामने आईं हैं, जिसके बाद अनिल विज ने 3 लेबर इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने का आदेश दिया है। इसे लेकर श्रम आयुक्त डॉक्टर मनीराम शर्मा ने तुरंत सस्पेंड के आदेश दिए हैं।

किन अधिकारियों को सस्पेंड किया ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच में पता लगा है कि फर्जी वेरिफिकेशन का काम श्रम डिपार्टमेंट के निरीक्षकों और विकास एवं पंचायत डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने मिलकर किया था, जिसमें बहादुरगढ़ झज्जर सर्कल-2 के लेबर इंस्पेक्टर राज कुमार, सोनीपत सर्कल-2 के रोशन लाल और फरीदाबाद सर्कल-12 के धनराज का नाम सामने आया है, इन अधिकारियों को अब सस्पेंड कर दिया गया है।

सचिव ने सौंपी जांच रिपोर्ट

वर्क स्लिप घोटाले के मामले में हरियाणा बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के सचिव की ओर से जांच रिपोर्ट दी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर तीनों अधिकारियों द्वारा 2023 अगस्त से मार्च 2025 तक कंस्ट्रक्शन जगहों या कामगारों का वास्तव में दौरा किए बिना ही फर्जी वर्क-सर्टिफिकेट मंजूर कर किए गए थे।रिपोर्ट में सामने आया है कि राज कुमार ने 44168, रोशन लाल ने 51748 और धन राज ने 35128 वर्क-स्लिप/सर्टिफिकेट मंजूर किए हैं।

विभाग को हुआ करोड़ों का नुकसान

बता दें कि पंचायत विभाग के दोषी अधिकारियों को सस्पेंड करने के लिए विकास एवं विभाग के आयुक्त एवं सचिव को लेटर दिया जा चुका है।
रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि अधिकतर वर्क स्लिप फर्जी कामगारों की बनाई गई है। इसका फायदा उठाते हुए ये रजिस्टर्ड वर्कर श्रम विभाग की अलग-अलग योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। जिसकी वजह से विभाग को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है।

इन 6 जिलों में की गई जांच

​​​​​​​जांच कमेटी की ओर से हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी में भी करीब 3 महीने तक वेरिफिकेशन की गई थी। वेरिफिकेशन प्रक्रिया पिछले साल 1 नवंबर से शुरु की गई थी। वेरिफाई वर्क स्लिपों की जब जांच की गई, तो इसमें काफी समस्याएं सामने आईं थीं।

DBT पर रोक लगाने का आदेश

इस मामले में अनिल विज ने निर्देश दिया है कि अधिकारियों के खिलाफ क्रिमिनल केस की प्रक्रिया शुरू करने के उद्देश्य से महाधिवक्ता (AG) की राय लेकर कार्रवाई करना जरुरी है। श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा है कि जांच पूरी हो जाने के बाद सभी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) पेमेंट पर रोक लगाई जाएगी।

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