Sewer Workers: हिसार में 2 सीवर सफाई-कर्मियों की मौत पर HHRC का संज्ञान, होटल मालिक-प्रशासन से मांगी रिपोर्ट

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हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने सफाई कर्मियों की मौत पर लिया संज्ञान।

Haryana Sewer Workers Death: हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने हांसी सीवर की सफाई के दौरान 2 कर्मियों की मौत पर संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है।

Haryana Sewer Workers Death: हरियाणा के हिसार शहर के हांसी में 2 सफाई कर्मचारियों की सेप्टिक टैंक में दम घुटने से मौत हो गई थी। इस मामले में हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में होटल मालिक और प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।

दुर्घटना 20 अक्टूबर की है, जब हांसी के रहने वाले 2 सफाई कर्मचारी एक होटल में सीवर मोटर खराब होने पर सेप्टिक टैंक में उतरे थे। इसी दौरान दम घुटने से दोनों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिजन ने होटल मालिक को इस घटना का जिम्मेदार ठहराया है।

आयोग ने 6 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी

आयोग की जांच में पता लगा है कि होटल प्रबंधन ने प्रशिक्षित कर्मियों की नियुक्त नहीं की थी। वहीं गैस परीक्षण और वेंटिलेशन की भी व्यवस्था नहीं थी। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर और बचाव दल की भी सुविधा नहीं थी। आयोग ने कहा कि ऐसे कृत्य मनुष्यों को मशीन समझने और गैस चैंबर में भेजने जैसे हैं, जो किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता। आयोग ने अब सरकार और प्रशासन से 6 हफ्ते में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

आयोग का आदेश है कि हिसार के DC को मृतकों के परिजनों को दी गई क्षतिपूर्ति, राहत और पुनर्वास उपायों की रिपोर्ट देने होगी। वहीं हांसी नगर परिषद को होटल का लाइसेंस, निरीक्षण रिपोर्ट और अधिनियम उल्लंघन की जानकारी देनी जरूरी है। हांसी के SP को आदेश दिया गया है कि इस मामले में दर्ज FIR पर जांच की प्रगति रिपोर्ट सौंपनी होगी।

क्या है पूरा मामला?

हांसी के गढ़ी गांव के रहने वाले सोमवीर और जमावरी गांव के निवासी वीरेंद्र हांसी के एक होटल में काम करते थे। सीवर की मोटर खराब होने के कारण सोमवीर और वीरेंद्र बिना किसी सुरक्षा उपकरण के टैंक में उतर गए। पहला कर्मचारी टैंक में उतरा, तो जहरीली गैस की चपेट में आने से बेहोश हो गया था, जिसे बचाने के लिए दूसरा कर्मी भी टैंक में उतर गया, लेकिन जहरीली गैस के कारण दोनों की दम घुटने से मौत हो गई।

मृतकों के परिजनों का आरोप है कि दोनों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के टैंक में उतरने के लिए मजबूर किया गया था। परिजनों ने होटल प्रबंधन पर जबरदस्ती और लापरवाही का आरोप लगाया है।

HHRC के अधिकारियों ने क्या कहा?

HHRC के अध्यक्ष जस्टिस (रिटा.) ललित बत्रा, सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अधिकार केवल जीने का ही नहीं, बल्कि सुरक्षित और गरिमापूर्ण कार्यस्थल का भी अधिकार देता है।'

आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले ‘उपभोक्ता शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र बनाम भारत संघ (1995)’ का हवाला देते हुए कहा कि स्वास्थ्य और सुरक्षा भी एक मौलिक अधिकार है। नियोक्ताओं और प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह कर्मचारियों की सुरक्षा और उन्हें खतरनाक परिस्थितियों से बचाने की जिम्मेदारी उठाएं।

आयोग ने नोटिस में क्या कहा?

आयोग ने नोटिस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सफाई कर्मचारी आंदोलन बनाम भारत संघ (2014) मामले में स्पष्ट निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर या सेप्टिक टैंक में उतरना अपराध है। ऐसे में मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए दिया जाना चाहिए।

इसके अलावा हस्तचालित मैला ढोने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध एवं पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत इस तरह की खतरनाक सफाई पर पूरी तरह से रोक है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 2 साल तक की जेल या 2 लाख तक जुर्माना लगाय जाएगा। अगर कोई व्यक्ति फिर से इस नियम का उल्लंघन करता है तो 5 साल की जेल और 5 लाख जुर्माना देना होगा।

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