Haryana Vehicles: क्या हरियाणा के 2 शहरों में नहीं चलेंगे 15 लाख वाहन? प्रदूषण को लेकर HSPCB का मेगा प्लान

हरियाणा में प्रदूषण से निपटने के लिए HSPCB ने बनाया मेगा प्लान।
Haryana Vehicles: हरियाणा के NCR शहरों फरीदाबाद और गुरुग्राम में प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इन दोनों शहरों में ठंड के दिनों में आमतौर पर सबसे खराब वायु गुणवत्ता (AQI) स्तर दर्ज होती है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने 2025-26 के लिए विंटर सीजन वर्क मेगा प्लानिंग तैयार की है। इस मेगा प्लान के तहत गाड़ियों और उद्योग से होने वाले प्रदूषण के साथ ही सड़कों और निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल की जांच की जाएगी। HSPCB के इस मेगा प्लान से प्रदेश में हो रहे प्रदूषण पर रोक लगाई जाएगी।
HSPCB का मेगा प्लान क्या है?
- HSPCB के मेगा प्लान में पुरानी गाड़ियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के संचालन पर रोक लग सकती है। अधिकारियों द्वारा शहर में इस तरह की 15 लाख गाड़ियों की पहचान की गई है। इसे लेकर जिला परिवहन विभाग और यातायात पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
- सरकार ने सभी बिल्डरों और डेवलपर्स को 500 वर्ग मीटर से बड़े प्रोजेक्ट्स को राज्य के धूल नियंत्रण पोर्टल पर पंजीकरण करने का निर्देश दिया है। HSPCB इसका निरीक्षण करेगा। नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
- गुरुग्राम और फरीदाबाद दोनों शहरों में प्रशासन ने डीजल जनरेटर (DG) पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है, जबकि उद्योगों को तुरंत ग्रीन फ्यूल अपनाने के लिए कहा है। अगर कोई व्यक्ति निर्देशों का पालन नहीं करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- गुरुग्राम नगर निगम ने धुंध से छुटकारा पाने के लिए अपने जल छिड़काव यंत्रों की संख्या 8 से बढ़ाकर 40 करने का फैसला लिया है। इसके अलावा 29 नए सड़क सफाई यंत्र जोड़ेगा, जिसकी कुल संख्या 54 हो जाएगी। मुख्य निर्माण जगहों पर 850 से ज्यादा एंटी-स्मॉग गन की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह फरीदाबाद अपने स्प्रिंकलरों की संख्या 25 से बढ़ाकर 38 कर देगा। 15 रोड स्वीपर कनेक्ट करेगा और मुख्य प्रदूषण वाली जगहों पर 190 स्मॉग गन की व्यवस्था की जाएगी।
क्यों लिया फैसला?
गुरुग्राम और फरीदाबाद दोनों को 'कम उत्सर्जन एरिया' घोषित किया गया है, जहां ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, इस साल वायु प्रदूषण की समस्या से छुटकारा पाने के लिए प्लानिंग तैयार है, इसे लेकर काम भी शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि नियमित निगरानी, अंतर-विभागीय समन्वय और जन जागरूकता अभियान से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी प्रयास प्रदूषण को रोकने के लिए अच्छा परिणाम दें।
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