Haryana CET: हरियाणा CET 'नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला' के खिलाफ दायर याचिका खारिज, हाईकोर्ट का फैसला

Punjab Haryana High Court
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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किया। 

Haryana CET Normalization Formula: हरियाणा में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इसे लेकर HSSC चेयरमैन हिम्मत सिंह ने प्रतिक्रिया दी है।

Haryana CET Normalization Formula: हरियाणा में ग्रुप-C भर्ती के लिए आयोजित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के रिजल्ट में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। अभ्यर्थियों ने नॉर्मलाइज़ेशन प्रक्रिया के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नॉर्मलाइज़ेशन प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिका को पहली डेट में खारिज कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहतक के रहने वाले पवन कुमार और दूसरे अभ्यर्थियों ने आयोग के नॉर्मलाइजेशन फार्मूले के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उम्मीदवारों का कहना था कि नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू करने से रिजल्ट प्रभावित होगा और कई योग्य अभ्यर्थियों के साथ न्याय नहीं हो पाएगा। बता दें कि हाईकोर्ट ने इस याचिका को गंभीर मानते हुए इसे अर्जेंट कैटेगरी में 29 अगस्त को सुनवाई करने का फैसला किया था। जस्टिस संदीप मोदगिल की बेंच में आज इस पर फैसला सुना दिया।

चेयरमैन ने क्या कहा?

चेयरमैन हिम्मत सिंह ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर लिखा, 'विगत कुछ दिन पहले अभ्यर्थियों ने नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में CWP-25398- 2025 के माध्यम से याचिका दायर की थी, जिसको उच्च न्यायालय ने आज खारिज कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया वैध एवं न्यायसंगत है।'


नॉर्मलाइजेशन फार्मूले का विरोध क्यों हुआ?

ऐसा कहा जा रहा है कि CET नॉर्मलाइजेशन फार्मूले का विरोध इसलिए किया गया, क्योंकि अभ्यर्थियों का ऐसा मानना है कि इस फार्मूले से मार्क्स में भेदभाव किया जाएगा, जिसकी वजह से स्टूडेंट्स के साथ अन्याय हो सकता है। अभ्यर्थियों के मुताबिक अलग-अलग शिफ्टों में हुए पेपर के कठिनाई स्तर में अंतर होने पर स्टूडेंट्स के मार्क्स कम हो जाते हैं, जबकि कुछ स्टूडेंट्स के मार्क्स बढ़ जाते हैं। ऐसे में उम्मीदवारों ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

नॉर्मलाइजेशन फार्मूला क्या है?
आयोग का कहना है कि, नॉर्मलाइजेशन फार्मूला दो से ज्यादा शिफ्टों में एग्जाम होने के कारण लागू किया है। इसके तहत सभी कैंडिडेट्स के नंबर पेपर की कठिनाई के अनुसार बराबर करने के लिए इस फार्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। इस फार्मूले की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि हर शिफ्ट का पेपर अलग हो सकता है, जिससे कुछ स्टूडेंट को आसान और कुछ को कठिन पेपर मिल सकते हैं। नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला, इन अंतरों को दूर करने में मदद करता है।

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