Haryana Fort: हरियाणा में पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया था ये किला, कहा जाता है हिंदुस्तान की दहलीज

Haryana Hansi Fort
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हिंदुस्तान की दहलीज हरियाणा का हांसी किला 

Haryana Fort: हरियाणा में एक किला मौजूद है, जिसे हिंदुस्तान की दहलीज भी कहा जाता है। यह किला स्थापत्य कला, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।

Haryana Fort: हरियाणा राज्य भारत के उत्तर-पश्चिमी में बसा है, जो अपने गौरवशाली इतिहास के लिए जाना जाता है। इस राज्य का देश के आर्थिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विकास में अहम रोल है। यह राज्य कृषि, उद्योग और खेल के क्षेत्र में विश्व लेवल पर अपनी अलग पहचान बना चुका है। इसके साथ ही यह राज्य ऐतिहासिक किलों के लिए भी जाना जाता है। यहां पर अनेक किले बनाए गए थे। इन्ही में से एक है हरियाणा की धरती पर बना हांसी किला, जिसे हिंदुस्तान की दहलीज के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इस किले का ऐतिहासिक महत्व...

हांसी किले का इतिहास

इस किले का इतिहास काफी पुराना और महत्वपूर्ण है। यह किला हरियाणा के हांसी शहर में स्थित है। जानकारी के अनुसार, इसका निर्माण पृथ्वीराज चौहान के शासन काल में 12वीं सदी के दौरान किया गया था। यह किला अपनी मजबूत किलेबंदी के लिए मशहूर है। इस किले को अपनी सैन्य क्षमता और युद्धकला का प्रतीक भी माना गया है। इस किले के अंदर युद्ध करने के लिए अलग-अलग तरह की तलवारों का निर्माण किया जाता था। जिस वजह से इस किले को असीरगढ़ नाम भी दिया गया था। यह किला हिंदुस्तान की दहलीज के नाम से विख्यात है। इस किले की मजबूत किलेबंदी के कारण इसे भेदना दुश्मनों के लिए बहुत कठिन हुआ करता था।

क्यों पड़ा हिंदुस्तान की दहलीज नाम?

एक समय था जब हिंदुस्तान पर कब्जा करने के लिए आक्रमणकारी हरियाणा के इसी रास्ते से आते थे। दिल्ली तक पहुंचने के लिए इस किले को पार करना पड़ता था। परन्तु इस किले को जीतना इतना आसान नहीं था। जिस कारण किले को हिंदुस्तान की दहलीज भी कहा गया। कहा जाता है कि उस समय जो दिल्ली के शासन पर अधिकार कर लेता, वही हिंदुस्तान का बादशाह माना जाता था।

हरियाणा का परिचय

हरियाणा भारत के क्षेत्रफल का कुल 1.4% है। यह 44,212 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह देश का 20 वां सबसे बड़ा राज्य है। 1966 में पंजाब से अलग करके इस राज्य का गठन किया गया था। आज इस राज्य में कुल 10 नगर निगम, 91 विधानसभा सीट, 10 लोकसभा सीट,5 राज्यसभा सीट, 22 जिले, 93 तहसील और उपमंडल है। इसका अपना अलग खान-पान, रहन-सहन और तौर-तरीका है। इस राज्य के हर जिले की अनूठी संस्कृति है। यही विविधता और संस्कृति इसकी पहचान है।

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