Haryana Flexible Sandstone: हरियाणा में इस गांव में मिलता है अनोखा पत्थर, विदेशों से आते हैं टूरिस्ट, खासियत जान रह जाएंगे दंग

हरियाणा में मिलने वाला अनोखा पत्थर
Haryana Flexible Sandstone: हरियाणा में एक ऐसा अनोखा पत्थर पाया जाता है, जो रबड़ की तरह लचीला होता है और हाथ में लेने पर हिलता है। इसके चलते इसे हिलना पत्थर कहा जाता है। यह अनोखा पत्थर चरखी दादरी जिले के कलियाणा गांव में अरावली पहाड़ियों में मिलता है। इस खास पत्थर की वजह से कलियाणा गांव की एक अलग पहचान बन चुकी है। इस पत्थर को देखने के लिए विदेशों और दूर-दूर से लोग यहां पर आते हैं। इस पत्थर की अनोखी खासियत वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च का विषय बन गया है। ऐसा मानना है कि इस पत्थर भूकंप-रोधी इमारतें बनाई जा सकती हैं।
क्या है हिलना पत्थर की खासियत?
यह पत्थर कलियाणा गांव में पाया जाता है, जो कि हरियाणा के दादरी जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर है। बता दें कि यह पत्थर एक तरह का लचीला बलुआ पत्थर (Flexible Sandstone) है, जिसे 'Dancing Stone' भी कहा जाता है। वहीं, इसे स्थानीय भाषा में हिलना पत्थर कहते हैं। इसकी खास बात है कि यह पत्थर बाकी के पत्थरों की तरह कठोर नहीं होता है, बल्कि रबड़ की तरह हल्का और लचीला होता है। इसकी वजह से यह हिलता हुआ दिखाई देता है। बता दें कि इस पत्थर को खासियत की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
साइंटिस्ट कर रहे रिसर्च
कलियाणा गांव की पहाड़ियों में पाए जाने वाले अनोखे पत्थर पर देश-विदेश के साइंटिस्ट रिसर्च करके पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं कि आखिर यह पत्थर किन जियोलॉजिकल परिस्थितियों में बना है। साथ ही इसमें लचीलेपन के पीछे वजह जानने की भी कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी के प्रोफेसर प्रभास पांडे अपनी टीम के साथ कलियाणा गांव गए थे। उनका मानना है कि अगर इस अनोखे पत्थर की खासियत को समझकर निर्माण कार्य में इसका इस्तेमाल किया जाए, तो इससे भूकंप रोधी इमारतें बनाई जा सकती हैं।
सिर्फ हरियाणा में मिलता है हिलना पत्थर
बता दें कि यह अनोखा पत्थर सिर्फ हरियाणा में ही मिलता है, इसके अलावा पूरा दुनिया में ऐसा पत्थर नहीं पाया जाता था। इसे देखते हुए हरियाणा सरकार इस जगह को टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। इस प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन ने क्षेत्र में आम जनता के प्रवेश पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। इसके अलावा इस पत्थर को नुकसान पहुंचाने के पर कानूनी कार्रवाई भी जा सकती है। यह पत्थर गांव की सबसे बड़ी पहचान बन चुका है।
