Haryana Fake CET Website: हरियाणा में सीईटी की फर्जी वेबसाइट बनाने वाले 5 गिरफ्तार, HSSC ने बंद कराया पोर्टल

Police giving information about CET fake website case
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CET फर्जी वेबसाइट मामले की जानकारी देते हुए पुलिस और अधिकारी

Haryana CET Fake Website: हरियाणा में CET की फर्जी वेबसाइट बनाने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश के रहने वाले 3 आरोपी शामिल हैं।

Haryana CET Fake Website: हरियाणा में CET यानी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की फर्जी वेबसाइट बनाने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों को पंचकूला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें 3 आरोपी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हैं। इसके अलावा 2 आरोपी कुरुक्षेत्र और फतेहाबाद के रहने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक, इनमें एक महिला भी शामिल है।

बता दें कि बीते 4 जून को हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) को सूचना मिली थी कि कुछ लोगों ने CET की फर्जी वेबसाइट बना ली है। इस मामले की जानकारी देते हुए HSSC के मेंबर भूपेंद्र चौहान ने बताया कि फर्जी वेबसाइट की सूचना मिलने पर सेक्टर-20 के साइबर थाने में शिकायत दी गई थी। पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों ने 77 लोगों से करीब 22 हजार रुपए का फ्रॉड किया है।

HSSC ने बंद कराया फर्जी पोर्टल

हरियाणा CET की फर्जी वेबसाइट बनाने वाले आरिपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही HSSC ने फर्जी वेबसाइट के पोर्टल को भी बंद कर दिया है। इसके अलावा वेबसाइट से जुड़े बैंक अकाउंट को भी फ्रीज करवा दिया गया है, जिनमें पैसे जाते थे। अब उस खाते से कोई पैसे नहीं निकाल सकता।

इस मामले को जानकारी देते हुए पंचकूला पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों की उम्र लगभग 25 से 40 साल के बीच है। पुलिस ने बताया कि 29 मई को आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट बनाई थी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन के दौरान छात्रों से जरूरी डिटेल्स लेकर फीस जमा कराकर रजिस्ट्रेशन दिखा दिया। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।

इस तरह हुआ फर्जी वेबसाइट का खुलासा

कुछ दिनों पहले इन आरोपियों ने CET की फर्जी वेबसाइट बनाई, जो बिल्कुल HSSC की वेबसाइट की तरह डिजाइन किया गया था। इसके चलते किसी की इस पर शक नहीं हुआ। जानकारी के मुताबिक, 5 जून तक इस फर्जी वेबसाइट पर 14 लाख से ज्यादा लोग विजिट कर चुके थे। इस वेबसाइट के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से पहले ही फीस भरने का ऑप्शन दिया गया था। आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट पर सभी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए वही फीस रखी थी, जो HSSC की ऑफिशियल वेबसाइट पर डाली गई थी।

फर्जी वेबसाइट बनने के 3-4 दिन बाद रजिस्ट्रेशन करने वाले उम्मीदवारों की आपस में चर्चा हुई। इस दौरान उनके रजिस्ट्रेशन में कुछ असमानता पाई गई, जिससे उन्हें शक हुआ। फिर HSSC के हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ।

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