Haryana Police: गुरुग्राम साइबर थाने में DGP का दौरा... पीड़ित बनकर पहुंचे ओपी सिंह, फिर क्या हुआ?

हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह।
Haryana DGP OP Singh: हरियाणा पुलिस के महकमे में उस समय खलबली मच गई, जब डीजीपी खुद पीड़ित बनकर साइबर थाने पहुंचे। दरअसल, हरियाणा पुलिस डायरेक्टर जनरल (डीजीपी) ओपी सिंह खुद डिजिटल अरेस्ट के पीड़ित बनकर शिकायत दर्ज कराने के लिए गुरुग्राम साइबर थाना गए।
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट कर बताया कि वह निजी कार से साइबर पुलिस स्टेशन पहुंचे। गेट के सिपाही ने उन्हें नहीं पहचाना। डीजीपी ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए कहा, तो सिपाही ने बोला कि ड्यूटी ऑफिसर सेकंड फ्लोर पर कमरा नंबर 24 में है। वहां पर वह एक शिकायतकर्ता के काम में लगा था।
ग्राउंड लेवल पर किया निरीक्षण
हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने इस दौरे के दौरान आम नागरिकों को मिलने वाली मदद के असल तरीकों, व्यवहार का जमीनी स्तर पर आकलन किया। स्टेशन गार्ड ने उन्हें तय प्रोटोकॉल के अनुसार, जांच अधिकारी से मिलने और मुकदमा दर्ज कराने के तरीके समझाए। डीजीपी ने इस दौरे के दौरान पुलिस स्टेशन के कामकाज, पीड़ित सहायता सिस्टम, रिस्पॉन्स सिस्टम समेत अन्य सभी कामों का निरीक्षण किया।
इसके बाद सीपी, डीसीपी, एसीपी, एसएचओ, डीए एक-एक कर सभी थाना पहुंचे। डीजीपी ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें लंबी बातचीत हुई। इसके बाद साइबर अपराध को रोकने के लिए कई फैसले लिए गए।
जब मैं साइबर थाना, #गुरुग्राम #DigitalArrest का मुक़दमा दर्ज कराने निजी कार से पहुँचा।
— OP Singh, DGP, Haryana (@opsinghips) December 1, 2025
गेट के सिपाही ने नहीं पहचाना।
जब मैंने कहा कि मुक़दमा दर्ज कराना है तो बोला कि ड्यूटी ऑफिसर सेकंड फ्लोर पर कमरा नंबर 24 में है। वहाँ वो एक शिकायतकर्ता के काम में लगा था।
थोड़ी देर सीपी,… pic.twitter.com/Xl13eD4kDk
डीजीपी ने लिए ये फैसले
- अगर बैंक ने ड्यू डिलिजेंस नहीं किया, तो साइबर क्राइम का नुकसान बैंक भरेगा।
- फ्रीज हुए छोटे अमाउंट वाले मामले में बगैर एफआईआर के आईओ लोक अदालत से कंप्लेनेंट को पैसे वापस दिलाएगा।
- हेड बॉयज एवं गर्ल्स का स्पाइक मैके के सहयोग से एक नेटवर्क बनाया जाएगा, जो इवेंट के माध्यम से साइबर क्राइम एवं ड्रग के बारे में इन जेन अल्फा के उत्साही बच्चों के माध्यम से लोगों को जागरूक करेगा।
डीजीपी ने एक्स पर क्या लिखा?
डीजीपी ओपी सिंह ने एक्स पर लिखा, 'एक फीडबैक आया कि लोक अदालत में चालान का रिकॉर्ड महीनों-महीनों नहीं पहुँचता। मैंने सीपी, गुरुग्राम को कहा कि इसका निदान करें। मैंने आईजी, साइबर को कहा कि हर सप्ताह कम से कम एक साइबर थाना विजिट करें। साइबर क्राइम के शिकार के किसी तीन समस्या को पहचान कर उसका निदान करें।'
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