Pricing Policy: हरियाणा में नेचुरल-ऑर्गेनिक प्रोडक्ट लिए बनेगी प्राइजिंग पॉलिसी, CM सैनी ने बनाई हाईलेवल कमेटी

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  हरियाणा में किसानों के लिए बनेगी प्राइजिंग पॉलिसी।

Haryana Pricing Policy: हरियाणा सरकार ने नेचुरल-ऑर्गेनिक प्रोडक्ट लिए प्राइजिंग पॉलिसी बनाने की योजना बनाई है। सीएम नायब सिंह सैनी ने निर्देश जारी किए हैं।

Haryana Pricing Policy: हरियाणा सरकार ने नेचुरल और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के लिए प्राइजिंग पॉलिसी बनाने का फैसला किया है। प्राइजिंग पॉलिसी की मदद से किसानों को प्राकृतिक और जैविक उत्पादों के लिए उचित कीमत मिलेगी। सीएम सैनी ने पॉलिसी तैयार करने के लिए हाईलेवल कमेटी बनाई है। बताया जा रहा है कि कमेटी में फैसला लेने की प्रक्रिया में किसानों की भागीदारी को भी शामिल किया जाएगा।

कमेटी में कृषि विभाग के प्रधान सचिव, कृषि और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति जैसे प्रमुख, संबंधित विभागों के निदेशक और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HU), हिसार के कृषि अर्थशास्त्र और कृषि विज्ञान विभागों के प्रमुखों को भी शामिल किया जाएगा।

कमेटी में 6 जिलों अंबाला, करनाल, रोहतक, हिसार, गुरुग्राम और फरीदाबाद के कृषि उपनिदेशक के सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी इसके सदस्य सचिव के तौर पर काम करेंगे।

बैठक में मूल्य निर्धारण के लिए होगी चर्चा

प्राइजिंग पॉलिसी के तहत कमेटी को 'कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा दी गई खेती की लागत के विवरण की जांच करने और प्राकृतिक और जैविक उपज के लिए मूल्य निर्धारण की सिफारिश करने' का काम दिया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल का कहना है कि कमेटी साल में 2 बार हर रबी और खरीफ सीजन से पहले प्रभावी मूल्य निर्धारण नीति के लिए सिफारिशें तैयार करने के लिए बैठक की जाएगी।

किसानों के लिए होगा मील का पत्थर

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली का कहना है कि किसानों के हित में लिया गया अच्छा फैसला है। राजीव जेटली ने इसे 'किसान-समर्थक' पहल बताया है। समिति की सिफारिशें किसानों को बेहतर कीमत दिलाने में सहायता करेगी। समिति की सिफारिशें किसानों की भलाई और मील का पत्थर साबित होंगी, जिसका आखिरी लक्ष्य कृषक समुदाय के जीवन को आसान बनाना है। जैविक उत्पादों की कीमत तय करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के शाखा प्रमुख और योजना प्रभारी हर मौसम से पहले मुख्य प्राकृतिक एवं जैविक फसलों के विश्लेषण के लिए समिति को फसलवार आंकड़े और सिफारिशें प्रस्तुत करना पड़ेगा।

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