Anganwadi Workers: हरियाणा में आंगनवाड़ी वर्कर्स पर दर्ज सभी केस होंगे रद्द, सैनी सरकार का बड़ा फैसला

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हरियाणा में आंगवाड़ी वर्कर्स पर दर्ज सभी केस रद्द होंगे। 

Haryana Anganwadi Workers: हरियाणा सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स पर दर्ज सभी मुकदमों को रद्द करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले पर यूनियन ने भी सहमति जताई है।

Haryana Anganwadi Workers: हरियाणा सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स के लिए राहतभरा फैसला लिया है। सरकार का कहना है कि कि 2021-22 के आंदोलन के दौरान वर्कर्स और हेल्पर्स पर केस दर्ज किए गए थे। इन सभी केसों को अब रद्द किया जाएगा। वर्कर्स ने 2021 में आंदोलन के दौरान वेतन बढ़ाने, रिटायरमेंट लाभ देने, ऑनलाइन काम के लिए संसाधन मुहैया कराने और श्रमिक का दर्जा देने जैसी मांगों को लेकर लगातार 4 दिन की तक हड़ताल की थी। उस दौरान उन पर केस दर्ज किए गए थे, अब सरकार के फैसले के बाद सभी मुकदमों को रद्द किया जाएगा।

बैठक में उठाया था मुद्दा

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के गुरुग्राम, दादरी और करनाल जिलों में आंगवाड़ी कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे। यूनियन भी इन मुकदमों को वापस लेने के लिए लगातार सरकार से मांग कर रही थी कि सभी मुकदमें वापस ले लिए जाएं। बताया जा रहा है कि इसे लेकर 6 मई 2025 को चंडीगढ़ में महिला और बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की बैठक हुई थी। मीटिंग में यूनियन की ओर से आंगवाड़ी कर्मियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का मुद्दा उठाया था। अब सरकार की ओर केस को वापस लेने का फैसला ले लिया गया है।

यूनियन ने जताई सहमति
यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष रूपा राणा, महासचिव उर्मिला रावत और सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान ने सरकार के इस फैसले पर अपनी सहमति जताई है। दूसरी तरफ वर्कर्स का कहना है कि आंदोलन की वजह से उन्हें वेतन बढ़ोतरी, रिटायरमेंट लाभ, अवकाश जैसी सुविधाएं मिली हैं। लेकिन आंदोलन के दौरान उनका जो मानदेय रोका लिया गया था, वह 100 और 200 रुपये की कटौती के साथ दिया जा रहा है।

हरियाणा रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने किया विरोध
दूसरी तरफ हरियाणा रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने सरकार के उस आदेश का विरोध किया है, जिसमें सभी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवारों को 31 जुलाई तक आयुष्मान भारत मोबाइल ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया है। संघ का कहना है कि यह फैसला बिना किसी चर्चा और सुझाव के लिया गया है और यह गलत है। संघ के अध्यक्ष वजीर सिंह, महासचिव रतन कुमार जिंदल और मुख्य सलाहकार सुभाष लांबा ने कोष और लेखा विभाग के महानिदेशक को लेटर भेजा है। लेटर में आदेश की वैधता और उद्देश्य को स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।

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