Haryana News: हरियाणा के 14 जिलों में इन गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, जानिए कारण

प्रतीकात्मक तस्वीर।
Old Vehicle Ban in Haryana: NCR में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से हरियाणा के 14 जिलों में पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल और डीजल देने पर रोक लगा दी गई है। यह फैसला 1 नवंबर 2025 से लागू होगा। इस फैसले से राज्य की करीब 27 लाख 50 हजार गाड़ियां प्रभावित होंगी। ऐसा सामने आया है कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जैसे औद्योगिक जिलों में 70% से ज्यादा गाड़ियां तय सीमा पार कर चुके हैं। आने वाले दिनों में पूरे एनसीआर में ईंधन देने पर सख्ती बरती जाएगी।
पुरानी गाड़ियों पर रोक
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के 14 जिले ऐसे हैं जो NCR में आते हैं। इन जिलों में लाखों ऐसे वाहन हैं जो तय मानकों से ज्यादा समय तक सड़कों पर दौड़ रहे हैं। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में बढ़ रहे वायु प्रदूषण का मुख्य कारण पुराने वाहनों को भी माना गया है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) का कहना है कि डीजल से चलने वाले वाहनों को 10 साल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को 15 साल तक संचालन की अनुमति है। इसके बाद इनका सड़क पर चलना अवैध माना जाएगा। हरियाणा समेत दिल्ली में भी करीब 61 लाख से ज्यादा गाड़ियां तय सीमा पार कर चुके हैं, जो प्रदूषण की समस्या को दर्शाता है।
पेट्रोल पंप पर लगेंगे कैमरे
CAQM की ओर से निर्देश दिया गया है 1 नवंबर से ऐसे वाहनों को किसी भी पेट्रोल या डीजल पंप पर ईंधन न दिया जाए। जिनकी तय सीमा पूरी हो चुकी है। इसे लेकर पेट्रोल पंपों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। खासकर गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जिलों में अक्टूबर से पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे पुराने वाहनों की पहचान कर लेंगे और उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा।
ANPR क्या है ?
ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे विशेष तौर पर इसलिए इस्तेमाल किए जाते हैं ताकि पुरानी गाड़ियों को पहचाना जा सके। इन कैमरों का इस्तेमाल वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करके उसकी जानकारी तत्काल डेटाबेस से मिलाएंगे। तय किया जाएगा कि उन्हें ईधन मिलेगा या नहीं।
आम जनता पर क्या असर पड़ेगा ?
पुरानी गाड़ियों के मालिकों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा। जिन लोगों के पास पुराने वाहन हैं लेकिन उन्हें अब तक स्क्रैप नहीं कराया गया है। मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों बड़ी संख्या में पुराने वाहन इस्तेमाल किए जाते हैं। ईंधन ना मिलने की वजह से वाहनों का चलना बंद हो जाएगा। जिसकी वजह से लोग वैकल्पिक उपायों की तलाश करेंगे।
