गुरुग्राम में जलभराव का होगा स्थायी समाधान: सरकार अलर्ट, सेक्टर 70-80 में ड्रेन के लिए 104 करोड़ मंजूर

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अधिकारियों से चर्चा करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में मास्टर स्ट्रॉम वाटर ड्रेन के निर्माण के लिए 104.95 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। वहीं सरकार ने राज्य भर में कुल 523 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

हरियाणा में मानसून के दौरान गुरुग्राम में होने वाले जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हाई पॉवर्ड वर्क्स परचेज कमेटी (HPWPC) की बैठक में इस दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। बैठक में गुरुग्राम के सेक्टर 70 से 80 में मास्टर स्ट्रॉम वाटर ड्रेन के निर्माण के लिए 104.95 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई, जिससे भविष्य में वर्षा जल निकासी की समस्या से निजात मिलेगी।

राज्य भर में 523 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी

HPWPC की इस अहम बैठक में सिर्फ गुरुग्राम ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई। सभी परियोजनाओं पर 523 करोड़ रुपये की कुल लागत आएगी। योजनाओं से जल आपूर्ति, स्वच्छता, औद्योगिक ढांचे, यातायात सुविधा व औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। इनसे राज्य के कई हिस्सों में बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार की उम्मीद है।

लागत में बचत और नई परियोजनाएं

बैठक में विभिन्न बोलीदाताओं के साथ बातचीत (नेगोशिएशन) करके दरों को अंतिम रूप दिया गया, जिससे सरकार को लगभग 13 करोड़ रुपये की बचत हुई। बचत के साथ ही नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

• सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP): फरीदाबाद के बादशाहपुर में 45 एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और टर्शरी ट्रीटमेंट यूनिट स्थापित करने के लिए 58 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। यह परियोजना शहरी स्वच्छता और जल पुनर्चक्रण के प्रयासों को मजबूत करेगी।

• रेनीवेल लाइन का रखरखाव: जल आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए मास्टर रेनीवेल लाइन के संचालन और रखरखाव का ठेका भी स्वीकृत किया गया। इस परियोजना में 22 रेनीवेल, 160 ट्यूबवेल और अन्य उपकरणों का रखरखाव शामिल है, जिस पर 25 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

• औद्योगिक क्षेत्रों में CETP: प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के लिए पंचकूला के बरवाला में 3 एमएलडी क्षमता का कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) स्थापित करने के लिए 17.50 करोड़ रुपए और फरीदाबाद के आईएमटी में 10.5 एमएलडी क्षमता के CETP के लिए 44 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। ये दोनों परियोजनाएं औद्योगिक प्रदूषण को कम करने में सहायक होंगी।

भंडारण और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

सरकार ने सिर्फ शहरों की बुनियादी सुविधाओं पर ही ध्यान नहीं दिया, बल्कि भंडारण और स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी है।

• गोदामों का निर्माण: फतेहाबाद जिले के मेहुवाला में 37,884 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों के निर्माण के लिए 15.85 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इससे भंडारण व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।

• स्वास्थ्य विश्वविद्यालय में प्राइवेट वार्ड: करनाल में पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में प्राइवेट वार्ड के निर्माण और अन्य कार्यों के लिए 30.44 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इससे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा।

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार लाएंगी, बल्कि औद्योगिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और जनसुविधाओं में भी वृद्धि करेंगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन परियोजनाओं का कार्य समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। सरकार का यह त्वरित फैसला दिखाता है कि वह जनता की समस्याओं के प्रति कितनी गंभीर है और उनके समाधान के लिए तेजी से काम कर रही है।

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